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शारदीय नवरात्रि 2025: जाने शारदीय नवरात्रि तिथि और कलश स्थापना मुहूर्त।

By September 15, 2025September 16th, 2025No Comments
Sharadiya navratri 2025 by instaastro

आध्यात्मिक ऊर्जा से भरी शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है। यह नौ दिनों का महापर्व मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा और आराधना को समर्पित है। आइए जानते हैं इस साल की नवरात्रि की महत्वपूर्ण तिथियां, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व।

हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रति वर्ष चार नवरात्रि आती है। दो गुप्त नवरात्रि,एक चैत्र नवरात्रि और साल के अंत में शारदीय नवरात्रि आती है। नवरात्रि में माँ दुर्गा हिमालय से पृथ्वी आती हैं और 9 दिनों तक पृथ्वी पर ही रहती हैं।

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शारदीय नवरात्रि 2025 की तिथि-

हिन्दू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक होती है। वर्ष 2025 में शारदीय नवरात्रि का प्रारम्भ 22 सितंबर दिन गुरूवार से होगा और अंत 1 अक्टूबर दिन शनिवार को होगा।

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शारदीय नवरात्रि 2025 कलश स्थापना मुहूर्त-

वर्ष 2025 में शारदीय नवरात्रि के दिन कलश स्थापना 22 सितंबर को सुबह 06 बजकर 01 मिनट से लेकर  सुबह 08 बजकर 02 मिनट तक है। कलश स्थापना मुहूर्त में कलश स्थापित करना शुभ होता है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि शुभ समय में पूजा करने से सभी कार्य सफलतापूर्वक होते हैं।

शारदीय नवरात्रि 2025: पूजा तिथियां और मुहूर्त

      • प्रतिपदा तिथि (पहला दिन): मां शैलपुत्री पूजा (घटस्थापना)
        • तारीख: 22 सितंबर, 2025
        • तिथि प्रारंभ: 22 सितंबर, 2025 को सुबह 01:23 बजे
        • तिथि समाप्त: 23 सितंबर, 2025 को सुबह 02:55 बजे
      • द्वितीया तिथि (दूसरा दिन): मां ब्रह्मचारिणी पूजा
        • तारीख: 23 सितंबर, 2025
        • तिथि प्रारंभ: 23 सितंबर, 2025 को सुबह 02:55 बजे
        • तिथि समाप्त: 23 सितंबर, 2025 को शाम 07:44 बजे
      • तृतीया तिथि (तीसरा दिन): मां चंद्रघंटा पूजा
        • तारीख: 24- 25 सितंबर, 2025
        • तिथि प्रारंभ: 23 सितंबर, 2025 को शाम 07:44 बजे
        • तिथि समाप्त: 25 सितंबर, 2025 को सुबह 08:52 बजे
      • चतुर्थी तिथि (चौथा दिन): मां कूष्मांडा पूजा
        • तारीख: 26 सितंबर, 2025
        • तिथि प्रारंभ: 25 सितंबर, 2025 को सुबह 08:52 बजे
        • तिथि समाप्त: 26 सितंबर, 2025 को सुबह 09:33 बजे
      • पंचमी तिथि (पांचवां दिन): मां स्कंदमाता पूजा
        • तारीख: 27 सितंबर, 2025
        • तिथि प्रारंभ: 26 सितंबर, 2025 को सुबह 09:33 बजे
        • तिथि समाप्त: 27 सितंबर, 2025 को सुबह 11:59 बजे
      • षष्ठी तिथि (छठा दिन): मां कात्यायनी पूजा
        • तारीख: 28 सितंबर, 2025
        • तिथि प्रारंभ: 27 सितंबर, 2025 को सुबह 11:59 बजे
        • तिथि समाप्त: 28 सितंबर, 2025 को दोपहर 02:27 बजे
      • सप्तमी तिथि (सातवां दिन): मां कालरात्रि पूजा
        • तारीख: 29 सितंबर, 2025
        • तिथि प्रारंभ: 28 सितंबर, 2025 को दोपहर 02:27 बजे
        • तिथि समाप्त: 29 सितंबर, 2025 को दोपहर 04:31 बजे
      • अष्टमी तिथि (आठवां दिन): मां महागौरी पूजा
        • तारीख: 30 सितंबर, 2025
        • तिथि प्रारंभ: 29 सितंबर, 2025 को दोपहर 04:31 बजे
        • तिथि समाप्त: 30 सितंबर, 2025 को शाम 06:06 बजे
      • नवमी तिथि (नौवां दिन): मां सिद्धिदात्री पूजा
        • तारीख: 1 अक्टूबर, 2025
        • तिथि प्रारंभ: 30 सितंबर, 2025 को शाम 06:06 बजे
        • तिथि समाप्त: 1 अक्टूबर, 2025 को शाम 07:01 बजे
      • दशमी तिथि: दशहरा
        • तारीख: 2 अक्टूबर, 2025
        • तिथि प्रारंभ: 1 अक्टूबर, 2025 को शाम 07:01 बजे
        • तिथि समाप्त: 2 अक्टूबर, 2025 को शाम 07:10 बजे

क्या ख़ास है इस शारदीय नवरात्रि 2025 में?

इस साल की शारदीय नवरात्रि 2025 कई मायनों में ख़ास है। इस बार शारदीय नवरात्रि 2025 का तीसरा दिन, यानी तृतीया तिथि, माँ चंद्रघंटा की पूजा के लिए 23 सितंबर को शुरू होकर 25 सितंबर की सुबह तक रहेगी

सोमवार को नवरात्रि का शुरू होना एक शुभ संयोग है, जो सुख-समृद्धि और धन-धान्य में वृद्धि का संकेत देता है। इसके अलावा, इस नवरात्रि में कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जो पूजा और अनुष्ठान के लिए विशेष फलदायी होंगे।

माता रानी का वाहन: इस साल किस पर आ रही हैं मां दुर्गा?

देवी पुराण के अनुसार, नवरात्रि के पहले दिन के आधार पर मां दुर्गा के आगमन का वाहन तय होता है, और यह वाहन साल भर के भविष्य की भविष्यवाणी करता है।

  • सोमवार को नवरात्रि शुरू होने पर माता हाथी पर सवार होकर आती हैं।
  • हाथी को ज्ञान, समृद्धि, और शांति का प्रतीक माना जाता है।

इसका क्या मतलब है? हाथी पर माता का आगमन बहुत शुभ माना जाता है। यह संकेत देता है कि आने वाले साल में अच्छी बारिश होगी, जिससे कृषि और व्यापार में वृद्धि होगी। यह देश में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आएगा। माता रानी अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाएंगी और उनके जीवन से कष्टों को दूर करेंगी। यह एक ऐसा संकेत है जो सभी के लिए खुशियां लेकर आएगा।

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शारदीय नवरात्रि पूजा विधि-

  • इस दिन प्रातःकाल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए।
  • प्रथम दिन मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाकर तोरण लगाएं।
  • इसके पश्चात चौकी बिछा के स्वास्तिक बनाएं और माता की मूर्ति को स्थापित करें।
  • इस बात का ध्यान रखें कि उत्तर आया उत्तर-पूर्व दिशा में ही चौकी और कलश को स्थापित करें।
  • कलश पर नारियल का मुख नीचे की ओर करें और ईशान कोण में ही रखें।
  • इसके पश्चात कलश के ऊपर अशोक के पत्ते लगाएं और कलश के चारो और चुनरी को लपेट के कलावा से बाँध दें।
  • अब माँ दुर्गा की उपासना करते हुए पूरे विधि-विधान से पूजा करें।

शारदीय नवरात्रि पर क्या करें क्या न करें?

  • नवरात्रि में साफ़- सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए और सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।
  • इसके अलावा भजन- कीर्तन और जगराता आदि करना चाहिए।
  • शारदीय नवरात्रि में प्याज, लहसुन, शराब, मांसाहारी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • इस समय काले कपडे न पहने और न ही नाख़ून काटें।

2025 शारदीय नवरात्रि के विशेष उपाय-

नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए सबसे उत्तम माने जाते हैं। सुख-समृद्धि और धन-लाभ के लिए आप ये सरल उपाय कर सकते हैं:

  1. जौ (Jau) बोना: कलश स्थापना के साथ मिट्टी के बर्तन में जौ बोना बहुत शुभ माना जाता है। जौ की हरी-भरी फसल घर में सुख-समृद्धि का प्रतीक है।
  2. अखंड ज्योति जलाना: नवरात्रि के नौ दिनों तक घर में अखंड ज्योति जलाएं। यह घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
  3. लाल चुनरी और नारियल: मां दुर्गा को लाल चुनरी और एक साबुत नारियल अर्पित करें। ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं और आपकी हर मनोकामना पूरी करती हैं।
  4. मां के मंत्रों का जाप: नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करना बेहद फलदायी होता है। ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः‘ या दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मन को शांति मिलती है और सभी कष्ट दूर होते हैं।
  5. कन्या पूजन: अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन अवश्य करें। 9 कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा व उपहार देकर उनका आशीर्वाद लें।
  6. पीपल के पेड़ की पूजा: पीपल के पेड़ में शनि देव का वास माना जाता है। नवरात्रि के दौरान पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना और शनि देव के मंत्रों का जाप करना धन-धान्य में वृद्धि लाता है।

सारांश:

शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत 22 सितंबर को हो रही है। इस साल माता रानी का आगमन हाथी पर होगा, जो सुख-समृद्धि और अच्छी वर्षा का संकेत है। इस दौरान कलश स्थापना, मंत्र जाप और कन्या पूजन जैसे उपाय करके आप मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

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Jaya Verma

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