9 नवरात्रि दिनों के लिए शक्तिशाली मंत्र

नवरात्रि, शब्द का सीधा अर्थ है नौ रातें, जब देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। लोकप्रिय रूप से नवरात्रि के रूप में जाना जाने वाला यह एक हिंदू त्योहार है जहाँ भक्त उनकी शक्ति और साहस की महिमा के लिए उनकी दिव्य स्त्री ऊर्जा की पूजा करते हैं। इस त्यौहार को मनाने और आशीर्वाद पाने के लिए, हिंदी में नवरात्रि मंत्र 9 दिनों के लिए (Navratri mantra for 9 days in hindi) इस लेख में बताया गया है।

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माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों के 9 मंत्र

नवरात्रि के प्रत्येक दिन माँ दुर्गा के एक अलग रूप की पूजा की जाती है, जिससे अद्वितीय आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए हिंदी में नवरात्रि मंत्र 9 दिनों के लिए (Navratri mantra for 9 days in hindi) जपने और प्रत्येक देवी की दिव्य कृपा पाने के लिए हिंदी में नवरात्रि माता मंत्र (Navratri mata mantra in hindi) पर नज़र डालें।

  • प्रथम दिन: माँ शैलपुत्री (पहाड़ों की पुत्री)

नवरात्रि का पहला दिन माँ शैलपुत्री के आशीर्वाद से शुरू होता है, जिन्हें पहाड़ों की बेटी के रूप में जाना जाता है। शैल शब्द का अर्थ है पहाड़ और पुत्री का अर्थ है बेटी। वह बैल की सवारी करती हैं और त्रिशूल और कमल धारण करती हैं। संस्कृत में नवरात्रि श्लोक (Navratri slokas in sanskrit) इस प्रकार है-

माँ शैलपुत्री का मंत्र

वन्दे वंछितालाभय चन्द्रार्धकृत-शेखराम, वृषारुधाम शुलाधारम् शैलपुत्रीं यशस्विनिम्

Vande Vanchhitalabhaya Chandrardhakrita-Shekharam, Vrisharudham Shuladharam Shailaputrim Yashasvinim

अर्थ: मैं माँ शैलपुत्री को नमन करता हूँ, जो पर्वतों की पुत्री हैं, जो सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं, चंद्रमा को मुकुट के रूप में धारण करती हैं, बैल की सवारी करती हैं और त्रिशूल धारण करती हैं। वे मुझे यश और सफलता प्रदान करें।

जप लाभ: देवी शैलपुत्री मंत्र का जप उनका आशीर्वाद प्राप्त करने, इच्छाओं की पूर्ति के लिए और देवी से जुड़ने के लिए किया जाता है।

  • दूसरा दिन: माँ ब्रह्मचारिणी (भक्ति की माँ)

9 दिनों के लिए दूसरा नवरात्रि मंत्र माँ ब्रह्मचारिणी को समर्पित है, जो माँ दुर्गा का दूसरा स्वरूप है। उनका नाम ही देवी का वर्णन करता है जहाँ ब्रह्मा का अर्थ है तपस्या या भक्ति, जबकि चारिणी का अर्थ है देवी की भक्ति करने वाली।

मां चम्हचारिणी का मंत्र

दधना करा पद्मभ्यं अक्षमला कमण्डलु,देवी प्रसीदातु माई ब्रह्मचार्यनुत्तमा।

Dadhana Kara Padmabhyam Akshamala Kamandalu,Devi Prasidatu Mayi Brahmacharinyanuttama.

अर्थ: एक कमल जैसे हाथ में अक्षमाला और दूसरे में कमंडल धारण करने वाली सर्वोच्च देवी ब्रह्मचारिणी मुझ पर प्रसन्न हों और मुझे आशीर्वाद दें।

जप लाभ: ब्रह्मचारिणी मंत्र का जप विशेष रूप से आध्यात्मिक अभ्यास को बढ़ाने के लिए किया जाता है, जिससे भक्त तपस्या करते समय ध्यान केंद्रित कर सके।

  • तीसरा दिन: माँ चंद्रघंटा (राक्षसों का नाश करने वाली)

9 देवी मंत्रों में तीसरा मंत्र देवी चंद्रघंटा का है। उनकी पूजा उनकी वीरता के लिए की जाती है और वे एक योद्धा देवी हैं। उनके नाम ‘चंद्र’ का अर्थ है चंद्रमा, और ‘घंटा’ का अर्थ है घंटी और उन्हें उनकी हिम्मत और चुनौतियों पर विजय पाने की क्षमता के लिए जाना जाता है।

माँ चंद्रघंटा का मंत्र

पिण्डजप्रवररुधा चण्डकोपास्त्रकैर्य्युता, प्रसादं तनुते महां चन्द्रघण्ट यशस्विनी।

Pindajapravararudha Chandakopastrakairyuta, Prasadam Tanute Mahyam Chandraghanta Yashasvini.

अर्थ: भयंकर शस्त्रों से युक्त, शक्तिशाली सिंह पर विराजमान महिमामयी देवी चंद्रघंटा मुझ पर अपनी दिव्य कृपा और आशीर्वाद प्रदान करें।

जप से लाभ: जब भी कोई चुनौतीपूर्ण परिस्थिति आए, तो माँ चंद्रघंटा को याद करें। देवी अपने भक्तों को साहसी और निडर बनाकर बाधाओं को दूर करने में मदद करती हैं।

  • चौथा दिन: माँ कुष्मांडा (ब्रह्मांडीय अंडे की देवी)

देवी माँ कुष्मांडा का नाम तीन शब्दों के संयोजन से बना है, 'कु' जिसका अर्थ है छोटा, 'ऊष्मा' जिसका अर्थ है ऊर्जा, और 'अंडा' जिसका अर्थ है ब्रह्मांडीय अंडा। उन्हें आठ हाथों वाला दर्शाया गया है और वे ब्रह्मांड की निर्माता हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें सूर्य के अंदर रहने की क्षमता है।

माँ कुष्मांडा का मंत्र

सुरसम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च, दधान हस्तपद्मभ्यं कुशमाण्डा शुभदस्तु मे।

Surasampurnakalasham Rudhiraplutameva Cha, Dadhana Hastapadmabhyam Kushmanda Shubhadastu Me.

अर्थ: रक्त से सना हुआ अमृत से भरा कलश धारण करने वाली देवी कुष्मांडा अपने करकमलों से मुझे मंगल प्रदान करें।

जप लाभ: माँ कूष्मांडा अपने भक्तों को रचनात्मकता और जीवन शक्ति का आशीर्वाद देती हैं और ऐसा माना जाता है कि वे हृदय चक्र को नियंत्रित करती हैं, तथा व्यक्ति के जीवन में प्रेम और करुणा लाती हैं।

  • पांचवा दिन: माँ स्कंदमाता (मातृत्व की देवी)

माँ स्कंदमाता अपने उग्र स्वभाव के साथ-साथ अपने पुत्र कार्तिकेय के प्रति मातृवत् प्रेम को भी दर्शाती हैं। वे भगवान स्कंद (कार्तिकेय) को गोद में लिए हुए शेर की सवारी करती हुई दिखाई देती हैं। वे मातृत्व का प्रतिनिधित्व करती हैं और प्रेमपूर्ण तथा शांत स्वभाव की प्रतीक हैं। इसलिए, नवरात्रि के चौथे दिन उनका आशीर्वाद पाने के लिए 9 दिनों तक नवरात्रि मंत्र का जाप करना चाहिए। हिंदी में नवरात्रि माता मंत्र (Navratri mata mantra in hindi) इस प्रकार है-

माँ स्कंदमाता का मंत्र

सिंहासनागत नित्यं पद्मश्रितकारद्वाय,शुभदस्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।

Simhasanagata Nityam Padmashritakaradvaya,Shubhadastu Sada Devi Skandamata Yashasvini.

अर्थ: कमल पर दो हाथों से दिव्य सिंहासन पर विराजमान देवी स्कंदमाता मुझे सदैव मंगल प्रदान करें।

जप के लाभ: मां स्कंदमाता को समर्पित यह मंत्र, उनके मातृ प्रेम और बच्चे तथा स्त्री की संतान के कल्याण के लिए सुरक्षात्मक ऊर्जा की स्तुति है।

  • छठा दिन: माँ कात्यायनी, शक्ति की देवी

माँ कात्यायनी माँ दुर्गा का छठा और सबसे उग्र रूप है। वह एक योद्धा हैं जो अपने साहस, शक्ति और राक्षस महिषासुर पर विजय के लिए जानी जाती हैं।

माँ कात्यायनी का मंत्र

चन्द्रहसोज्जवलकार शार्दूलवरवाहन,कात्यायनी शुभं दाद्यद देवी दानवाघातिनी।

Chandrahasojjvalakara Shardulavaravahana,Katyayani Shubham Dadyad Devi Danavaghatini.

अर्थ: देवी कात्यायनी, जो चंद्रहास तलवार से चमकती हैं और राजसी बाघ पर सवार हैं, मुझे वीरता का आशीर्वाद दें। वह राक्षसों का नाश करने वाली और धर्म की रक्षक हैं।

जप लाभ: मां कात्यायनी के मंत्र की पूजा और जप करने से उनके भक्तों को शक्ति का आशीर्वाद मिलता है और वे बुरी शक्तियों से लड़ने और जीवन की सभी चुनौतियों पर विजय पाने के लिए निडर हो जाते हैं।

  • सातवां दिन: माँ कालरात्रि (साहस की देवी)

नवरात्रि के सातवें दिन पूजी जाने वाली माँ कालरात्रि माँ दुर्गा का एक भयंकर रूप है। वह राक्षसों का नाश करने वाली हैं और व्यक्ति के जीवन से अंधकार और बुरी आत्माओं को दूर करती हैं। देवी कालरात्रि ने ही शक्तिशाली असुर भाइयों शुम्भ और निशुम्भ का वध किया था। संस्कृत में नवरात्रि श्लोक (Navratri slokas in sanskrit) को पढ़ें।

माँ कालरात्रि का मंत्र

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥

अर्थ: वह अंधकार, भय और बुरी शक्तियों का नाश करती हैं। अपने भयावह स्वरूप के बावजूद, वह अपने भक्तों को सुरक्षा, साहस और दुखों से मुक्ति का आशीर्वाद देती हैं।

माँ कालरात्रि मंत्र के जाप से भक्तों को बुरी शक्तियों के भय से मुक्ति मिलती है। वह व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक प्रभावों को दूर करती हैं और उन्हें आध्यात्मिक मुक्ति प्राप्त करने में मदद करती हैं।

  • आठवां दिन: माँ महागौरी (सौंदर्य और शांति की देवी)

आठवें दिन, 9 दिनों के लिए नवरात्रि मंत्र देवी महागौरी को समर्पित है। वह पवित्रता और शांति का प्रतीक है। वह आत्मा को शुद्ध करने वाली देवी हैं और उनका रंग गोरा है। वह एक बैल (नंदी) पर सवार होती हैं और सफेद पोशाक पहनती हैं जो दिव्य ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक है।

माँ गौरी का मंत्र

श्वेते वृषे समरुधा श्वेताम्बरधर शुचि,महागौरी शुभं दद्यान महादेवप्रमोदाद।

Shvete Vrishae Samarudha Shvetambaradhara Shuchi,Mahagauri Shubham Dadyan Mahadevapramodada.

अर्थ: देवी महागौरी, जो सफेद बैल पर सवार हैं, सफेद वस्त्र पहनती हैं और पवित्रता की प्रतीक हैं, मुझे आध्यात्मिक विकास का आशीर्वाद दें और भगवान शिव को प्रसन्न करें, पूर्णता और शुभता का आशीर्वाद दें।

जप के लाभ: माँ गौरी से जुड़ा यह मंत्र शांति, समृद्धि और दिव्य संबंध लाता है। ध्यानपूर्वक बैठकर जप करने से व्यक्ति अपनी अंतरात्मा से जुड़ता है और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करता है।

  • नौवां दिन: मां सिद्धिदात्री (अलौकिक शक्ति की देवी)

नौवां दिन या महानवमी माँ सिद्धिदात्री को समर्पित है, जो माँ पार्वती का मूल रूप है जिसे मूल रूपा के नाम से जाना जाता है। उन्हें चार हाथों वाली अलौकिक शक्तियों की प्रदाता के रूप में जाना जाता है और वे केतु ग्रह को नियंत्रित करती हैं।

मां सिद्धिदात्री का मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षध्याईह असुरैह अमरैरापी, सेव्यमान सदा भूयत सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

Siddha Gandharva Yakshadhyaih Asuraih Amarairapi, Sevyamana Sada Bhuyat Siddhida Siddhidayini.

अर्थ: देवी सिद्धिदात्री, जिनकी पूजा हमेशा सिद्ध, गंधर्व, यक्ष, असुर और देवता करते हैं, हमें दिव्य शक्तियां और आध्यात्मिक सफलता प्रदान करें। वह ज्ञान, सिद्धियाँ और मोक्ष प्रदान करती हैं।

जप के लाभ: इस मंत्र का नियमित जप करने से दैवीय आशीर्वाद मिलता है, आध्यात्मिक विकास होता है, बाधाएं दूर होती हैं और सफलता मिलती है। यह आंतरिक शांति, मानसिक स्पष्टता और इच्छाओं की पूर्ति भी लाता है।

9 दिनों के लिए बीज नवरात्रि मंत्र

यहां मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित छोटे बीज मंत्र दिए गए हैं। इन नवरात्रि दुर्गा मंत्र (Navratri durga mantra) का आपको प्रत्येक दिन जाप करना चाहिए। 9 दिनों के लिए नवरात्रि मंत्र इस प्रकार है।

  • माँ शैलपुत्री का बीज मंत्र: ॐ शं शैलपुत्री देव्यै नमः (ॐ शं शैलपुत्री देव्यै नमः)
  • माँ ब्रह्मचारिणी का बीज मंत्र: ह्रीं श्री अम्बिकायै नम: (ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:)
  • मां चंद्रघंटा का बीज मंत्र: ऐं श्रीं शक्तयै नमः।
  • माँ कुष्मांडा का बीज मंत्र: ऐं ह्रीं देव्यै नमः (ऐं ह्रीं देव्यै नमः)
  • माँ स्कंदमाता का बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं स्वामिन्यै नमः
  • माँ कात्यायनी का बीज मंत्र: क्लीं श्री त्रिनेत्रयै नमः (क्लीं श्री त्रिनेत्रयै नमः)
  • मां कालरात्रि का बीज मंत्र: क्लीं ऐं श्री कालिकायै नमः।
  • मां महागौरी का बीज मंत्र: श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नमः (श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नमः)
  • मां सिद्धिदात्री का बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नमः

नवमी तिथि के लिए नवरात्रि हवन मंत्र

नवमी तिथि या नवरात्रि के 9वें दिन, भक्तों को उचित अनुष्ठानों का पालन करते हुए हवन करना चाहिए और 9 दिनों तक नवरात्रि दुर्गा मंत्र (Navratri durga mantra) का जाप करना चाहिए।

आशीर्वाद और सुरक्षा के लिए हवन मंत्र

  • हवन आरम्भ करते समय सबसे पहले ॐ आग्नेय नमः स्वाहा मंत्र का जाप करें ।
  • इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करते हुए ॐ गणेशाय नमः स्वाहा बोलें और फिर धार्मिक प्रसाद चढ़ाएं। फिर ॐ गौरीय नमः स्वाहा ।
  • नवग्रह का ध्यान करते हुए ॐ नवग्रहाय नमः स्वाहा
  • देवी दुर्गा का ध्यान करते हुए ॐ दुर्गाय नमः स्वाहा ।
  • मां महाकाली का ध्यान करें और ऊं महाकालिकाय नम: स्वाहा कहकर सामग्री अर्पित करें ।
  • भगवान हनुमान का ध्यान करते हुए ॐ हनुमते नमः स्वाहा ।
  • भगवान भैरव का ध्यान करते हुए ॐ भैरव नमः स्वाहा
  • कुलदेवता का ध्यान करते हुए ॐ कुल देवताय नमः स्वाहा
  • ॐ स्थान देवताय नमः स्वाहा

नवरात्रि के लिए त्रिदेव हवन मंत्र

  • ॐ ब्रह्माय नमः स्वाहा
  • ॐ विष्णुवे नमः स्वाहा
  • ॐ शिवाय नमः स्वाहा
  • ॐ जयन्ती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवधात्री स्वाहा
  • स्वधा नमस्तुति स्वाहा।
  • ॐ ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुध: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रह शांति करा भवन्तु स्वाहा।
  • ॐ गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देव महेश्वर: गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः स्वाहा।
  • अंत में ॐ शरणागत दीनर्त परित्राण परायणे, सर्व स्थिर हरे देवी नारायणी नमस्ते का जाप करें।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल-

नवरात्रि का प्रत्येक दिन देवी दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है। इसलिए, 9 दिनों तक नवरात्रि मंत्र का जाप करने से आशीर्वाद मिलता है, नकारात्मकता दूर होती है और समृद्धि आती है।
नवरात्रि की प्रत्येक देवी एक अलग ऊर्जा और आशीर्वाद का प्रतिनिधित्व करती है। उनके विशिष्ट मंत्र अद्वितीय दिव्य शक्तियाँ लाते हैं, जिससे भक्तों को शक्ति, समृद्धि, ज्ञान और आध्यात्मिक विकास प्राप्त करने में मदद मिलती है।
हवन मंत्रों का जाप करने से वातावरण शुद्ध होता है, नकारात्मकता दूर होती है, सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है, शांति और समृद्धि आती है तथा पवित्र अग्नि अनुष्ठान करते समय दिव्य संबंध मजबूत होते हैं।
हां, आप नवरात्रि के श्लोकों का 9 दिन तक किसी भी भाषा में जाप कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि उनका उच्चारण सही हो। साथ ही, आस्था के साथ जप करना ज़्यादा ज़रूरी है क्योंकि इससे नवरात्रि के दौरान आशीर्वाद और सुरक्षा मिलती है।
हां, नवरात्रि के दौरान उपवास करना वैकल्पिक है। हालांकि, 9 दिनों तक ईमानदारी से नवरात्रि मंत्र का जाप करने से आशीर्वाद मिल सकता है, भले ही आप उपवास न भी रखें।
हां, नवरात्रि के दौरान उपवास करना वैकल्पिक है। हालांकि, 9 दिनों तक ईमानदारी से नवरात्रि मंत्र का जाप करने से आशीर्वाद मिल सकता है, भले ही आप उपवास न भी रखें।