Get App
AstrologyHindiHindu CultureVedic astrologyZodiacs & Planets

जानें शुभ मुहूर्त का महत्व, आख़िर क्यों होता है इतना ज़रूरी ?

By December 8, 2022December 4th, 2023No Comments
shubh muhurat ka mehatav

भारतीय संस्कृति के अनुसार हर शुभ कार्य से पहले मुहूर्त देखा जाता है। मुहूर्त के आधार पर ही शुभ कार्य के लिए तिथि और समय निकाला जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में कृष्ण एवं शुक्ल पक्ष की तिथियों को मिलाकर 30 तिथि होती हैं। आइये जानते हैं इन्स्टाएस्ट्रो के ज्योतिष से शुभ मुहूर्त कितने होते हैं और शुभ मुहूर्त कैसे देखा जाता है –

शुभ मुहूर्त क्यों जरूरी है?

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ब्रह्माण्ड में ग्रहों और नक्षत्रों की चाल से हमारे हर कार्य पर अच्छा या बुरा असर पड़ता है। कई बार बहुत परिश्रम के बाद भी नकारात्मक परिणाम मिलते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस के पीछे का कारण है – ग्रहों का अनुकूल न होना। इसलिये ज्योतिषाचार्य हर मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखने की सलाह देते हैं।

earth and moon

हिंदू पंचांग के अनुसार तिथियां

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में हिंदू पंचांग इस तरह से बना हुआ है कि प्रत्येक तिथि पर एक विशेष देवी या देवता की पूजा की जाती है। इन तिथियों पर शुभ मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती। ये तिथि अपने आप में ही शुभ फलदायी होती हैं। आइये पढ़ते हैं हिंदू पंचांग की तिथियाँ –

प्रथमा तिथि पर अग्नि देव की पूजा करने से घर में धन-धान्य, यश, आदि की वृद्धि होती है।
द्वितीया तिथि के स्वामी भगवान ब्रह्मा जी हैं। इस दिन इनकी पूजा करने से शुभ फल मिलता है।
तृतीया तिथि के स्वामी माता गौरी और कुबेर हैं। इनकी पूजा करने से सौभाग्य मिलता है।
चतुर्थी तिथि को विघ्नहर्ता श्री गणेश की पूजा करने से जीवन के सारे विघ्न दूर हो जाते हैं।
पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता होते हैं। इस दिन नाग पूजा करने से कालसर्प दोष मिटता है।
षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान कार्तिकेय हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति संपन्न होता है।
सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्य देवता हैं। इनकी पूजा करने से स्वास्थ्य सही रहता है एवं आरोग्यता मिलती है।
नवमी तिथि पर मां दुर्गा की पूजा करने से साहस की वृद्धि होती है।
दशमी तिथि के दिन यम के राजा यमराज की पूजा करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने से भूमि का लाभ होता है।
द्वादशी तिथि के स्वामी भी भगवान विष्णु होते हैं। इनकी पूजा करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव हैं। इनकी पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय बीतता है।
चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने और व्रत रखने से सुख में वृद्धि होती है।
अमावस्या तिथि पर अपने पितरों के लिए तर्पण करना चाहिए। उनकी शांति और प्रसन्नता के लिए अन्न-वस्त्र का दान देना चाहिए।

क्या होते हैं शुभ मुहूर्त ?

ज्योतिष शास्त्र की हूर्त किसी भी मांगलिक कार्य को आरम्भ करने का ऐसा शुभ समय होता है जिसमें ब्रह्माण्ड के सभी ग्रह और नक्षत्र शुभ परिणाम देने की स्थिति में होते हैं। इस शुभ समय में कार्य शुरू करने से सफलता मिलती है और काम में आने वाली अड़चने दूर हो जाती हैं।

OM Sign

कितने प्रकार के होते हैं मुहूर्त ?

सामान्य तौर पर कार्य आरंभ करने वाले व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की दशा को देखकर ही शुभ मुहूर्त निकाला जाता है। परंतु ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जीवन में प्रतिदिन कुछ शुभ-अशुभ मुहूर्त होते हैं। इन मुहूर्त की जानकारी के बाद आपको हर कार्य के लिये ज्योतिष की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। तो आइये पढ़ते हैं शुभ मुहूर्त कितने होते हैं ? एक दिन में 24 घंटे होते हैं। और 24 घंटों में 1440 मिनट होते हैं। इसके हिसाब से पूरे दिन में कुल 30 मुहूर्त होते हैं। और एक मुहूर्त 48 मिनट तक रहता है।

मुहूर्तों का नाम और समय

एक दिन में 30 मुहूर्त होते हैं। आइये जानते हैं इन मुहूर्तों के नाम और समय – दिन का सबसे पहला मुहूर्त होता है रुद्र। यह मुहूर्त प्रात: 6 बजे आरंभ होता है। इसके बाद हर 48 मिनट बाद अलग अलग मुहूर्त आते हैं। इनके नाम हैं – मित्र, पितृ, वसु, वराह, विश्वदेवा, विधि, सप्तमुखी, पुरुहूत, वाहिनी, नक्तनकरा, वरुण, अर्यमा, भग, गिरीश, अजपाद, अहिर, बुध्न्य, पुष्य, अश्विनी, यम, अग्नि, विधातृ, कण्ड, अदिति, जीव/अमृत, विष्णु, युमिगद्युति, ब्रह्म और समुद्रम।

शुभ मुहूर्त कैसे देखा जाता है ?

ज्योतिष शास्त्र में शुभ मुहूर्त जानने के लिए तिथि, वार, नक्षत्र, पक्ष, अयन, चौघड़िया एवं लग्न को देखा जाता है। यह सब जानकारी मुहूर्त ग्रंथों में मिल जाती है। कई लोगों का यह प्रश्न होता है कि मुहूर्त में क्या देखते हैं ? आइये पढ़ते हैं –
धार्मिक ग्रंथ जैसे की वेद, स्मृति आदि के आधार पर शुभ मुहूर्त निकाला जाता है। इनके अतिरिक्त कुछ मुहूर्त विशेष ग्रंथ भी होते हैं जिससे मुहूर्त से संबंधित संपूर्ण जानकारी मिल सकती है। इनके नाम हैं – मुहूर्त मार्तण्ड, मुहूर्त गणपति, मुहूर्त चिंतामणि, मुहूर्त पारिजात, धर्म सिंधु, निर्णय सिंधु आदि।

क्या होता है चौघड़िया मुहूर्त ?

हिन्दू वैदिक पंचांग का एक रूप होता है – चौघड़िया पंचांग। इस पंचांग में प्रत्येक दिन के अनुसार नक्षत्र, तिथि एवं योग दिये होते हैं। प्रत्येक स्थान का सूर्योदय एवं सूर्यास्त का समय भी दिया होता है।
यदि किसी कार्य के लिए शुभ मुहूर्त नहीं निकल रहा हो तो ज्योतिष शास्त्र में उसके लिए चौघड़िया मुहूर्त देखा जाता है। चौघड़िया मुहूर्त देखकर आरंभ किया गया कार्य हमेशा सफल होता है।

अक्सर पूछे जाने प्रश्न –

शुभ मुहूर्त क्यों जरूरी है?
कई बार ग्रहों की स्थिति अनुकूल ना होने की वजह से परिश्रम करने के बाद भी नकारात्मक परिणाम मिलते हैं। इसलिये हर मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखना चाहिए।

क्या होते हैं शुभ मुहूर्त ?
शुभ मुहूर्त किसी भी मांगलिक कार्य को आरम्भ करने का ऐसा समय होता है जिसमें ग्रह और नक्षत्र शुभ परिणाम देने की स्थिति में होते हैं।

शुभ मुहूर्त कितने होते हैं ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक दिन में 24 घंटे होते हैं। और 24 घंटों में 1440 मिनट होते हैं। इस प्रकार पूरे दिन में कुल 30 शुभ मुहूर्त होते हैं।

शुभ मुहूर्त कैसे देखा जाता है ?
शुभ मुहूर्त जानने के लिए तिथि, वार, नक्षत्र, पक्ष, अयन, चौघड़िया एवं लग्न को देखा जाता है।

क्या होता है चौघड़िया मुहूर्त ?
जब किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए शुभ मुहूर्त नहीं निकल पाता है। तब उसके लिए चौघड़िया मुहूर्त देखा जाता है।

और पढ़ें – आखिर क्या है मन और चंद्रमा का संबंध

ऐसी अन्य जानकारी के लिए डाउनलोड करें इंस्टाएस्ट्रो का मोबाइल ऐप। ज्योतिषी से बात करें

 

Get in touch with an Astrologer through Call or Chat, and get accurate predictions.

Yashika Gupta

About Yashika Gupta