जातक की कुंडली में अतीत, वर्तमान और भविष्य के बारे में सभी जानकारी दी होती है। ज्योतिष शास्त्र के ज्ञान से हम यह भी पता कर सकते हैं कि भविष्य में हमारे साथ क्या घटनाएं हो सकती हैं। खगोलीय शक्तियों से मानव जीवन को आकार मिलता है। जन्म का स्थान, समय और तारीख के अतिरिक्त जन्म के समय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति से भी हमारा जीवन प्रभावित होता है।
कुंडली में दोष क्या होता है ?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रहों की प्रतिकूल परिस्थितियां से कुंडली में दोष उत्पन्न होता है। जातक की जन्म कुंडली के बारह भावों में कई दोष हो सकते हैं। जैसे – कालसर्प दोष, मंगल दोष, केंद्राधिपति दोष, पितृ दोष, गुरु चांडाल दोष, अमावस्या दोष आदि। इन दोषों के पीछे का कारण होता है ग्रहों की अशुभ दशा। इनसे कुंडली में नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।
अमावस्या दोष क्या है ?
यदि जातक की जन्म कुंडली में किसी भी राशि में सूर्य और चंद्र की युति होती है, तब अमावस्या दोष बनता है। अमावस्या दोष का प्रभाव अत्यंत ही प्रबल होता है। जन्मकुंडली में यह दोष के होने के अशुभ फल मिलते हैं।
अमावस्या योग कुण्डली में होने से कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइये पढ़ते हैं इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषियों द्वारा बताये गये अमावस्या दोष के उपाय और अमावस्या दोष के लक्षण।
अमावस्या दोष जन्म दोष क्या होता है ?
यदि किसी व्यक्ति का जन्म अमावस्या तिथि पर होता है, तो उसकी कुंडली में अमावस्या दोष अवश्य ही होता है। ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से अमावस्या दोष जन्म दोष को अशुभ माना जाता है।
क्या होता है अमावस्या दोष का प्रभाव ?
- माता से मधुर संबंध नहीं होता। जीवन में मां का आशीर्वाद भी नहीं मिलता।
- कई अशुभ घटनाएं होने की आशंका रहती है।
- शारीरिक और मानसिक रोग होने की संभावना होती है। स्वास्थ्य की परेशानियां हमेशा बनी रहती हैं।
- जीवन में वित्तीय संकट भी होता है।
- करियर से संबंधित जटिलताएं भी सामने आती हैं।
जानें प्रत्येक राशि पर अमावस्या दोष के लक्षण
यदि अमावस्या योग कुण्डली में हो तो इसके लक्षणों को हम पहचान सकते हैं। प्रत्येक राशि के जातकों को भिन्न लक्षण दिखाई पड़ते हैं। आइये पढ़ते हैं कुंडली में अमावस्या दोष के लक्षण।
मेष राशि
अमावस्या दोष के कारण इस राशि के जातकों की कुंडली में एक नया चंद्रमा उपस्थिति होता है। उसके प्रभाव से जातक को नौकरी बदलने की तीव्र इच्छा होने लगती है।
वृषभ राशि
इस राशि के जातकों को अमावस्या दोष के कारण जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।
मिथुन राशि
यहाँ अमावस्या योग का प्रभाव मिलाजुला रहता है। एक तरफ किसी बात को लेकर उत्साह बना रहेगा, वहीं दूसरी तरफ कई बात को लेकर चिंतित भी होंगे।
कर्क राशि
इस राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा होता है इसलिए यह सदैव ऊर्जा को प्रभावित करता है।
सिंह राशि
इस राशि के जातकों पर अमावस्या दोष का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वे समस्याओं का समाधान निकालने में सक्षम नहीं होते।
कन्या राशि
अमावस्या दोष से कन्या राशि के जातकों का पतन होगा। परिवार जनों से विवाद होने के कारण यह समय इनके लिए बहुत कठिन रहेगा।
तुला राशि
इस राशि के जातकों के जीवन में उथल-पुथल हो सकती है। अमावस्या दोष के कारण उन्हें मनचाही चीज कभी प्राप्त नहीं होगी।
वृश्चिक राशि
अमावस्या दोष के प्रभाव से इस राशि के लोग निराशाजनक हो सकते हैं। इन में ऊर्जा की कमी रहती है।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों को जीवन में साहस की कमी महसूस होगी। अमावस्या दोष के चलते इनके मन में भविष्य को लेकर डर उत्पन्न होगा।
मकर राशि
इस राशि के लोगों को करियर बनाने में खूब मशक्कत करनी पड़ेगी।
कुंभ राशि
इस राशि के जातकों को समाज में मान-सम्मान पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। अमावस्या दोष के कारण इन्हें जीवन में कई बाधाओं का सामना करना पड़ेगा।
मीन राशि
इस राशि के जातकों को उनकी मनचाही ख़ुशी नहीं मिलेगी जिससे वे दुखी रहेंगे। इनके लिए अमावस्या दोष उनकी इच्छाओं को मारने वाला होगा।
जानें अमावस्या दोष के उपाय
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य चंद्र अमावस्या दोष का निवारण बताया गया है।
अमावस्या के दिन अपने पूर्वजों के लिए तर्पण करें।
परिवार के बड़ों का, ख़ास तौर पर अपने माता-पिता का कभी अनादर न करें।
अमावस्या के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान दें। चावल, गुड़ और दूध का दान करने से विशेष फल मिलता है।
अमावस्या दोष के प्रभाव को कम करने के लिए देवी काली की पूजा करें।
भगवान शिव की पूजा करें और सोमवार को ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
अमावस्या के दिन शाकाहारी भोजन ही ग्रहण करें। मदिरा आदि से परहेज़ करें।
अमावस्या दोष का निवारण करने के लिए ये पूजा करें
- विधि-विधान से भगवान गणेश, भगवान शिव तथा नवग्रहों की पूजा करें।
- चंद्र श्लोक और उनके बीज मंत्र का 11000 बार जाप करें।
- कुंडली में अमावस्या दोष के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए चंद्र नक्षत्र के दौरान या अमावस्या के दिन यज्ञ करें।
अमावस्या दोष पूजा करने के लाभ क्या हैं ?
- अमावस्या दोष के उपाय का पालन करने से तथा पूजा करने से जातक का बुरा समय समाप्त हो जाता है।
- कुंडली में चंद्रमा ग्रह बलवान स्थिति में आ जाता है जिससे मन को शांति मिलती है।
- वित्तीय संकट दूर हो जाता है और जातक धनवान बन जाता है।
- मानसिक शक्ति बढ़ती है, मन शांत तथा दिमाग स्थिर हो जाता है।
- घर-परिवार के लोगों से संबंध मधुर हो जाते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –
1. क्या अमावस्या दोष जन्म से ही होता है?
2. अमावस्या दोष के उपाय क्या हैं?
3. अमावस्या के दिन क्या दान करें?
4. ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या योग क्या होता है?
5. क्या अमावस्या के दिन विवाह हो सकता है?
और पढ़ें – जानें तुला राशि की अन्य ग्रहों में युति का मानव जीवन पर प्रभाव
ऐसी अन्य जानकारी के लिए डाउनलोड करें इंस्टाएस्ट्रो का मोबाइल ऐप और ज्योतिषी से बात करें।