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जानें शिव जी के जन्म का रहस्य क्या था?

By September 22, 2022December 1st, 2023No Comments
bhagvan shiv ji

शिव जी सनातन धर्म के सबसे महत्वपूर्ण देवता है। शिव जी देवों के देव महादेव हैं। शिव जी को कई नामों से जाना जाता है। जैसे नीलकंठ, भोलेनाथ, महेश, रूद्र, गंगाधर आदि। शंकर जी प्रमुख देवताओं में से एक हैं। ज्योतिषशास्त्र के आधार महाकाल शिव जी को ही माना जाता है। शिव जी को ब्रह्माण्ड के स्वरुप माना गया है। इसलिए शिव जी को अनादि भी कहा जाता है। शिव जी सभी भक्तों को समान नजरों से देखते हैं। तभी उन्हें महाकाल कहा गया है। आज हम आपको बताएँगे शिव जी के जन्म की कथा।

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शिव जी का जन्म-

भगवान शिव जी का जन्म नहीं हुआ था। परंतु कई पुराणों में शिव जी की उत्पत्ति का उल्लेख मिलता है। शिव जी के जन्म को लेकर कई तरह की कथाएं फैली हुई है। जिसमे से शिव जी के रुद्रा अवतार की कथा अत्यधिक प्रचलित है। जैसे शिव की उत्पत्ति विष्णु जी के नाभि कमल से और विष्णु के माथे से बताई जाती है। साथ में यह भी कहा जाता है विष्णु जी के माथे से उत्पन्न होने के कारण ही शिव जी सदैव योग मुद्रा में रहते हैं। शिव पुराण के अनुसार कहा जाता है। एक बार ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु जी दोनों लोग अपने आप को अत्यधिक अच्छा बता कर लड़ रहे थे। तभी भगवान शिव एक रहस्यमयी खंभे से प्रकट हुए थे।

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शिव जी के जन्म की कहानी-

शिव पुराण के अनुसार एक बार ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु के बीच बहस चल रही थी। यह दोनों स्वयं को एक- दूसरे से सर्वश्रेष्ठ बता रहे थे। इस बहस का कोई अंत नहीं हो रहा था। तभी एक रहस्यमयी खंभा प्रकट हुआ। जिसका कोई शुरुआत न कोई अंत था। तभी उस रहस्यमयी खंभे से एक आवाज आयी। ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु को चुनौती दी कि इस रहस्यमयी खंभे का पहला और आखिरी छोर ढूंढने को कहा।
भगवान विष्णु ने एक पक्षी का रूप धारण करके रहस्यमयी खंभे का पहला छोर ढूंढ़ने लगे। दूसरी तरफ ब्रह्मा जी वराह का रूप धारण करके रहस्यमयी खंभे का आखरी छोर ढूढ़ने लगे। दोनों लोगों ने अत्यधिक प्रयास किया परन्तु वह असफल रहे। तब उन्हें पता चला इस रहस्यमयी खंभे के पीछे एक शक्तिशाली शक्ति है और यह शक्ति और कोई नहीं भगवान शिव ही हैं। तभी यह रहस्यमयी खंभा शिव जी की उत्पत्ति का प्रतीक माना जाता है। यह शिव जी के जन्म की कथा थी।

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Jaya Verma

About Jaya Verma

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