कृष्ण मंत्र से प्रेम और आनंद को प्राप्त करें

प्राचीन काल में भगवान कृष्ण की कहानियां प्रचलित हैं जो अपने भक्तों के प्राण बचाते हैं। उनके खास मंत्र का जाप करने से मन को शांति मिलती है। कृष्ण के सभी मंत्रों के अर्थ और लाभ जानें।

महत्वपूर्ण कृष्ण मंत्र प्रकार

यहाँ हिन्दी में कृष्ण मंत्र (Krishna mantra in hindi) के विभिन्न उद्देश्य के लिए शक्तिशाली प्रकार दिए गए हैं।

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  • कृष्ण मूल मंत्र

कृष्ण मूल मंत्र एक खास मंत्र है इस मंत्र का उच्चारण भगवान कृष्ण के लिए होता है। यह एक शक्तिशाली मंत्र है जिसका जाप भगवान कृष्ण का आशीर्वाद पाने और मन को शांत करने के लिए किया जाता है।

Chant this mantra 108 times between <>b4 am and 6 am (Brahma muhurta), facing North.

|| ॐ कृष्णाय नमः ||

|| Om Krishnaya Namah ||

अर्थ: मैं भगवान कृष्ण को नमस्कार करता हूँ।

लाभ:कृष्ण जाप मंत्र (Krishna jaap mantra) करने से मन शांत होता है, तनाव और चिंता कम होती है।

  • दामोदर अष्टकम

दामोदर अष्टकम भगवान कृष्ण के दामोदर रूप के लिए खास 8 श्लोकीय मंत्र का उच्चारण होता है। हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, यह कार्तिक/दामोदर मास के दौरान लोकप्रिय रूप से गाया जाता है।

हिंदी में दामोदर अष्टकम गीत-

नमामीश्वरं सच्-चिद्-आनन्द-रूपं
लसत्-कुण्डलं गोकुले भ्राजमनम्
यशोदा-भियोलूखलाद् धावमानं
परामृष्टम् अत्यन्ततो द्रुत्य गोप्या ॥ १॥
रुदन्तं मुहुर् नेत्र-युग्मं मृजन्तम्
कराम्भोज-युग्मेन सातङ्क-नेत्रम्
मुहुः श्वास-कम्प-त्रिरेखाङ्क-कण्ठ
स्थित-ग्रैवं दामोदरं भक्ति-बद्धम् ॥ २॥
इतीदृक् स्व-लीलाभिर् आनन्द-कुण्डे
स्व-घोषं निमज्जन्तम् आख्यापयन्तम्
तदीयेषित-ज्ञेषु भक्तैर् जितत्वं
पुनः प्रेमतस् तं शतावृत्ति वन्दे ॥ ३॥
वरं देव मोक्षं न मोक्षावधिं वा
न चन्यं वृणे ‘हं वरेषाद् अपीह
इदं ते वपुर् नाथ गोपाल-बालं
सदा मे मनस्य् आविरास्तां किम् अन्यैः ॥ ४॥
इदं ते मुखाम्भोजम् अत्यन्त-नीलैर्
वृतं कुन्तलैः स्निग्ध-रक्तैश् च गोप्या
मुहुश् चुम्बितं बिम्ब-रक्ताधरं मे
मनस्य् आविरास्ताम् अलं लक्ष-लाभैः ॥ ५॥
नमो देव दामोदरानन्त विष्णो
प्रसीद प्रभो दुःख-जालाब्धि-मग्नम्
कृपा-दृष्टि-वृष्ट्याति-दीनं बतानु
गृहाणेष माम् अज्ञम् एध्य् अक्षि-दृश्यः ॥ ६॥
कुवेरात्मजौ बद्ध-मूर्त्यैव यद्वत्
त्वया मोचितौ भक्ति-भाजौ कृतौ च
तथा प्रेम-भक्तिं स्वकां मे प्रयच्छ
न मोक्षे ग्रहो मे ‘स्ति दामोदरेह ॥ ७॥
नमस् ते ‘स्तु दाम्ने स्फुरद्-दीप्ति-धाम्ने
त्वदीयोदरायाथ विश्वस्य धाम्ने
नमो राधिकायै त्वदीय-प्रियायै
नमो ‘नन्त-लीलाय देवाय तुभ्यम् ॥ ८॥

Namamiswaram Sach-chid-anand-roopam
Lasat-kundalam Gokule Bharajamanam
Yashoda-bhiyolukhalad Dhavamaanan
Paraamrshtam Atyantato Druty Gopya॥ 1 ॥
Rudantan Muhur Netr-yugman Mrjantam
Karaambhoj-yugmen Saatank-netram
Muhuh Shvaas-kamp-trirekhaank-kanth
Sthit-graivan Daamodaran Bhakti-baddham॥ 2 ॥
Iteedrk Sv-leelaabhir Aanand-kunde
Sv-ghoshan Nimajjantam Aakhyaapayantam
Tadeeyeshit-gyeshu Bhaktyer Jitatwan
Punah Prematas Tan Shataavrtti Vande॥ 3 ॥
Varan Dev Mokshan Na Mokshaavadhin Va
Na Chanyan Vrne ‘han Vareshaad Apeeh
Idan Te Vapur Naath Gopaal-baalan
Sada Me Manasy Aaviraastaan Kim Anyaih॥ 4 ॥
Idan Te Mukambhojam Atyant-neelair
Vrtan Kuntalaih Snigdh-raktaish Ch Gopya
Muhush Chumbitan Bimb-raktaadharan Me
Mansavya Aavaramastam Alan Lakshya-labhye॥ 5 ॥
Namo Dev Daamodaraanant Vishno
Praseed Prabho Duhkh-jaalaabdhi-magnam
Krpa-drshti-vrshtyaati-deenan Bataanu
Grhaanesh Maam Agyam Edhy Akshi-drshyah॥ 6 ॥
Kuveraatmajau Baddh-moortyaiv Yadvat
Tvaya Mochitau Bhakti-bhaajau Krtau Ch
Tatha Prem-bhaktin Svakaan Me Prayachchh
Na Mokshe Graho Me ‘sti Daamodareh॥ 7 ॥
Namas Te ‘stu Daamne Sphurad-deepti-dhaamne
Tvadeeyodaraayaath Vishvasy Dhaamne
Namo Raadhikaayai Tvadeey-priyaayai
Namo ‘nant-leelaay Devaay Tubhyam॥ 8 ॥

दामोदर अष्टकम का अर्थ : आठ श्लोक में भगवान कृष्ण के चंचल बचपन (दामोदर रूप में) का वर्णन बहुत सुंदर ढंग से बताया गया है जो माँ यशोदा के प्रेम में बंधे हुए हैं। यहाँ भक्त अपने जीवन में उनकी मौजूदगी के लिए प्रार्थना करते हैं।

दामोदर अष्टकम का पाठ करनेसे आपको पिछले पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

  • कृष्ण बीज मंत्र

कृष्ण बीज मंत्र (Krishna beej mantra) में कृष्ण के भक्ति में लीन होने के लिए एक शक्तिशाली बीज ध्वनि है- ‘क्लीं’। इसका उच्चारण ब्रह्मांड के निर्माण के दौरान किया गया था।

कृष्ण बीज मंत्र (Krishna beej mantra) के अनुसार, कृष्ण की मूर्ति के सामने, उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

|| ॐ क्लीम कृष्णाय नमः ||

|| Om Kleem Krishnay Namah ||

अर्थ:मैं भगवान कृष्ण को नमन करता हूँ जो अपने दिव्य प्रेम और कृपा से आकर्षित और मोहित करते हैं।

लाभ:भगवान कृष्ण जाप मंत्र (Krishna jaap mantra) रिश्तें में प्यार बढ़ाता है जिससे खुशी, शांति और काम पर ध्यान लगता है।

  • कृष्ण गायत्री मंत्र

कृष्ण गायत्री मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो देवकी के पुत्र यानी श्रीकृष्ण का स्मरण कराता है। यह वासुदेव नाम से कृष्ण का आवाहन कर भक्तों को राह दिखाने और प्रेरणा देने का काम करता है।

ब्रह्म मुहूर्तमें कृष्ण की मूर्ति कीओर मुख करके इस श्री हिन्दी में कृष्ण मंत्र (Krishna mantra in hindi) का 108 बार जाप करें।

|| ॐ देवकीनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्णः प्रचोदयात् ||

|| Om Devakinandanaya Vidmahe Vasudevaya
Dhimahi Tanno Krishna Prachodayat ||

अर्थ: हम उस परम सत्ता का ध्यान करते हैं जो सृष्टि का निर्माण करते हैं। हम भगवान कृष्ण पर अपना ध्यान लगाते हैं और उनसे प्रार्थना करते हैं कि वे हमें ज्ञान और सच्ची राह दिखाएं।

लाभ: कृष्ण गायत्री मंत्र हमें कृष्ण की सीख को गहराई से समझने में मदद करता है और सोचने-समझने की ताकत बढ़ाता है खासकर कारोबार से जुड़े लोगों के लिए। यह किसी भी तरह के शक और सभी नकारात्मकताओं को दूर करने में भी सहायक है।

  • कृष्ण वासुदेव मंत्र

कृष्ण वासुदेव मंत्र भगवान कृष्ण के पिता वासुदेव को समर्पित है। भगवान वासुदेव भगवान विष्णु के अवतार हैं और भगवान कृष्ण के अलग-अलग पहलू को दर्शाते हैं।

ब्रह्म मुहूर्त में उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके इस मंत्र का 108 बार जप करें।

|| ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ||

|| Om Namo Bhagavate Vasudevaya Namah ||

अर्थ : ॐ भगवान वासुदेवाय नमः (कृष्ण) को मैं नमन करता हूँ।

लाभ :ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जाप करने से आपको लाभ मिलेगा। यह मानसिक शांति को बढ़ावा देता है और भावनात्मक घावों को ठीक करता है। इसके अलावा कर्म शुद्धि के लिए भी इसका जाप करें।

  • हरे कृष्ण महामंत्र

संस्कृत में यह कृष्ण मंत्र कृष्ण और राम की दिव्य उपस्थिति की स्तुति करने के लिए गाया जाने वाला एक प्रसिद्ध मंत्र है। भक्त हरे कृष्ण महामंत्र जाप (Hare krishna maha mantra jaap) को भक्ति विकास और मुक्ति के रूप में देखते हैं।

ब्रह्म मुहूर्त में कृष्ण की मूर्ति या चित्रके सामने बैठकर इस श्री कृष्ण मंत्र का 108 बार जप करें।

|| हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ||

|| Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare,
Hare Rama Hare Rama Rama Rama Hare Hare ||

अर्थ :हे भगवान कृष्ण, हे प्रभु की शक्ति, कृपया मुझे अपनी दिव्य सेवा में लगाए।

लाभ : हरे कृष्ण महामंत्र जाप (Hare krishna maha mantra jaap) को लगातार पढ़ने से मन शुद्ध होता है और शांति मिलती है। यह बुद्धि, ज्ञान और इच्छाओं की पूर्ति भी प्रदान करता है।

  • श्री कृष्ण सफल मंत्र

श्री कृष्ण सफल मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है। यह मंत्र आपके सभी लक्ष्यों में सफलता पाने के लिए मदद करता है।

ब्रह्म मुहूर्तमें भगवान कृष्ण की मूर्ति के सामने इस शक्तिशाली कृष्ण मंत्र का108 बार जाप करें।

|| ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः ||

|| Om Shri Krishnah sharanam mamah ||

अर्थ : हे भगवान कृष्ण, मुझे अपनी सुरक्षा में ले लो।

लाभ : श्री कृष्ण शरणम ममः मंत्र का जाप करने से आपको सफलता, धन और कार्यों की पूर्ति में लाभ मिलता है। यह बुरी ऊर्जा को खत्म करता है और आपको तनाव, चिंताओं और बेचैनी से छुटकारा पाने में मदद करता है।

  • श्री कृष्ण ध्यान मंत्र

ध्यान लगाने के लिए और मन की शांति भगवान कृष्ण के इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।

यहाँ भगवान कृष्ण का हिंदी और अंग्रेजी में मंत्र दिया गया है। ब्रह्म मुहूर्तमें कृष्ण की मूर्ति के सामने खड़े होकर 108 बार इसका जाप करें।

फुल्लेन्दी वन - कान्ति मिन्दु वदनं बर्हा वतं सप्रियं
श्री वत्साङ्कमुदार- कौस्तु भधरं पीतांबरं सुंदरम |
गोपीनां नयनोत्पलार्वित तनुं गो गोप संघावृतं
गोविन्दं कलवेणुवादन परं दिव्यांग भूषं भजे||

Phullendi Vana Kanti Mindu Vadanam Barha Vatam Sapriyam
Sri Vatsankamudara Kaustubha Dharam Pitambaram Sundaram |
Gopinam Nayanoatpalarvita Tanum Go Gopa Sanghavrtam
Govindam kalavenuvadana param divyang bhusham bhaje ||

अर्थ : मैं भगवान कृष्ण की पूजा करता हूं जिनका चेहरा चंद्रमा जैसा चमकता है जो मोर पंख से सजे हुए हैं और कौस्तुभ मणि व पीले वस्त्र पहने हुए हैं। उनका दिव्य और सुंदर रूप गोपियों और ग्वालों से घिरा रहता है वे अपनी बांसुरी बजाते हुए और सुंदर गहनों से सजे हुए बेहद मनमोहक लगते हैं।

लाभ : श्री कृष्ण ध्यान मंत्र पढ़ाई और काम में ध्यान लगाने में मदद करता है। इसलिए यह छात्रों और कामकाजी लोगों दोनों के लिए बहुत लाभदायक है।

  • राधा कृष्ण मंत्र

राधा कृष्ण मंत्र राधा और कृष्ण की दिव्य प्रेम गाथा के लिए इस मंत्र का उच्चारण किया जाता है। मंत्र में दोनों की एक साथ स्तुति करने से रिश्ते में प्रेम और आनंद आता है।

राधा-कृष्ण की मूर्तिके सामने बैठकर इस मंत्र का 108 बार जप करें।

वृन्दावनेश्वरी राधा कृष्णो वृन्दावनेश्वरः।
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिर्मम ॥

Vrindavaneshwari Radha Krishna Vrindavaneshwarah |
Jeevanen Na Dhane Nityam Radha Krishna Gatirmama ||

अर्थ: धा वृंदावन की रानी है और कृष्ण वृंदावन के स्वामी हैं। चाहे जीवन हो या धन मेरा अंतिम लक्ष्य हमेशा राधा और कृष्ण के प्रति समर्पण करना है।

लाभ: यह राधा-कृष्ण मंत्र प्यार और शादी के लिए बेहद खास है। जोड़े इसे अपनी शादी में सुख-शांति बनाए रखने के लिए जाप सकते हैं और जो सिंगल हैं वे भी अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए इसका लाभ ले सकते हैं।

  • कृष्ण अष्टकम मंत्र

कृष्ण अष्टकम एक भक्ति गीत है जिसमें 8 छंदों में भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन किया गया है। इसे आदि गुरु शंकराचार्य ने लिखा है। इसका पाठ करने से भगवान कृष्ण का आशीर्वाद मिलता है साथ ही जीवन में खुशी, हिम्मत और बुरी ताकतों से बचाव होता है।

इस कृष्ण मंत्र का संस्कृत में पहला श्लोक नीचे दिया गया है।

भजे व्रजैक मण्डनम्, समस्त पाप खण्डनम्,
स्वभक्त चित्त रञ्जनम्, सदैव नन्द नन्दनम्,
सुपिन्छ गुच्छ मस्तकम् , सुनाद वेणु हस्तकम् ,
अनङ्ग रङ्ग सागरम्, नमामि कृष्ण नागरम् ॥ १ ॥

Bhaje Vrajai-ka Mandanam, Samasta Paap Khandanam,
Swabhakta Chitta Ranjanam, Sadaiva Nand Nandanam,
Supincha Guccha Mastakam, Sunada Venu Hastakam,
Ananga Ranga Sagaram, Namami Krishna Nagaram || 1||

अर्थ : ‘मैं उन भगवान कृष्ण की पूजा करता हूं जो सभी पापों को मिटाते हैं और अपने भक्तों के दिलों को खुशियों से भर देते हैं। वे नंद बाबा के प्रिय पुत्र हैं, मोर पंख का मुकुट पहने रहते हैं, हाथ में बांसुरी थामे रहते हैं और दिव्य प्रेम के सागर हैं। मैं उन सबके प्रभु श्रीकृष्ण को श्रद्धा से नमन करता हूं।’

लाभ : यदि आप भावनात्मक अशांति से जूझ रहे हैं तो इस शक्तिशाली कृष्ण मंत्र को अपनी दिनचर्या में शामिल करना लाभकारी हो सकता है। हालांकि इसके पूजन से अच्छा स्वास्थ्य मिलता है और धन की वृद्धि होती है।

श्री कृष्ण मंत्र जप अभ्यास

श्री कृष्ण मंत्र (Shree krishna mantra) का ज्यादा लाभ के लिए नीचे दिए गए बिंदुओं का पालन करना चाहिए।

  • एक शांत स्थान खोजें: एक शांतिपूर्ण स्थान की तलाश करें जहां आप आराम से बैठ सकें और बिना किसी शोर के अपना ध्यान केंद्रित कर सकें।
  • शांत मन: अपनी आँखें बंद करें और अपने मन और शरीर को शांत करने के लिए कुछ गहरी साँसें लें। फिर, अपना ध्यान वर्तमान पल पर लाएं।
  • सर्वोत्तम समय और दिशा: प्रत्येक कृष्ण मंत्र का जप करने के लिए सर्वोत्तम समय और दिशा को ध्यान से ध्यान में रखें।
  • माला: श्री कृष्ण मंत्र का सही संख्या में जप करने के लिए एक माला रखें।

श्री कृष्ण मंत्र का महत्व

हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण की प्रार्थना का विशेष स्थान है और यह भक्तों के लिए एक ताकतवर साधना मानी जाती है। मंत्र का नियमित जाप मन को शांत करने, तनाव कम करने और ध्यान में लगे रहने में मदद करता है।

इसके अलावा यह अंदर से शुद्ध करने का काम करता है। माना जाता है कि कृष्ण मंत्र दिल और दिमाग से बुरी भावनाओं और अशुद्ध विचारों को दूर करता है। यह हमें पिछले जन्मों के कर्मों के असर से भी बचाने में सहायक है। अगर साफ दिल और पूरी श्रद्धा से इस मंत्र का जाप किया जाए तो यह सभी इच्छाओं को पूरा करने में मदद कर सकता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल-

‘ॐ श्री कृष्णाय नमः’ का लगातार जाप करें। हालांकि इसका अर्थ है मैं भगवान श्रीकृष्ण को नमन करता हूं। यह एक आसान और शक्तिशाली मंत्र है जो श्रद्धा से जपने पर मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
एक शांत जगह खोजें और गहरी सांस लेकर अपने मन को शांत करें। अब, समय, दिशा और गिनती को ध्यान में रखते हुए, चुने हुए श्री कृष्ण मंत्र का जाप करना शुरू करें।
कृष्ण सफलता मंत्र जीवन में आपके सभी उद्देश्यों में सफलता के लिए कृष्ण मंत्र है। वह इस प्रकार है- ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः।
श्री कृष्ण शरणम ममः का अर्थ है ‘कृष्ण की शरण में शरण लेना या सुरक्षा प्राप्त करना। श्री कृष्ण शरणम ममः मंत्र आपके इच्छित मार्ग से सभी बाधाओं को दूर करके आपको लाभ पहुंचाता है।
वैसे तो कार्तिक महीने में 8 श्लोकों वाले दामोदर अष्टकम का जाप किया जाता है लेकिन अगर इसे रोजाना जाप किया जाए तो इसका बहुत फायदा मिलता है। इससे आपका ध्यान बढ़ेगा, नकारात्मक भावनाओं से मुक्ति मिलेगी और सभी रिश्तों में अच्छी समझ आएगी।
विवाह की चाह रखने वाले लोग राधा कृष्ण मंत्र का जाप कर सकते हैं। यह इस प्रकार है- वृंदावनेश्वरी राधा कृष्णो वृन्दावनेश्वरः। जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिर्मम ॥ (वृन्दावनेश्वरी राधा कृष्ण वृन्दावनेश्वरः, जीवनेन न धने नित्यं राधा कृष्ण गतिर्मम।)

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