गोवर्धन पूजा- भगवान कृष्ण की दिव्य सुरक्षा का दिन

महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक गोवर्धन पूजा है, जो भगवान कृष्ण को समर्पित है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के पहले चंद्र दिवस पर मनाया जाने वाला यह त्यौहार भगवान कृष्ण की सुरक्षा का प्रतीक है, क्योंकि उन्होंने गोकुल के गांव वालों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था। आइए हिन्दी में गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja in Hindi) के बारे में और जानकारी प्राप्त करते हैं।

गोवर्धन पूजा 2025 कब है?

  • गोवर्धन पूजा 2025 तिथि: 22 अक्टूबर 2025, बुधवार
  • गोवर्धन पूजा का समय (सायंकाल): दोपहर 03:29 बजे से शाम 05:44 बजे तक

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गोवर्धन पूजा का महत्व

क्या आप जानते हैं गोवर्धन पूजा क्यों मनाया जाता है (Govardhan Puja Kyu Manaya Jata Hai) और इसका महत्व क्या है? भगवान कृष्ण द्वारा अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाने की कहानी पर आधारित है। यह कार्य 'रक्षक और प्रदाता (देनेवाला)' के रूप में उनकी भूमिका का प्रतीक है। उन्होंने अपने भक्तों को बारिश के कारण होने वाले नुकसान से बचाया और सात दिनों तक पहाड़ को उठाकर खड़े रहे।

गोवर्धन पूजा का उत्सव मनुष्य और प्रकृति के बीच के बंधन का भी प्रतीक है। गोवर्धन पूजा की कहानी (Govardhan Puja Ki Kahani) के अनुसार, इस दिन, कई लोग घर पर भी पूजा करते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं, गोवर्धन पूजा को बहुत खुशी और आनंद के साथ मनाते हैं।

पौराणिक कथा एवं गोवर्धन पूजा व्रत कथा

गोवर्धन पूजा की कहानी के अनुसार, एक बार भगवान कृष्ण ने देखा कि वृंदावन के लोग भगवान इंद्र (वर्षा के देवता) के लिए यज्ञ में प्रसाद के रूप में कई खाद्य पदार्थ तैयार कर रहे थे। हालांकि, कृष्ण ने सुझाव दिया कि गांव के लोग गोवर्धन पर्वत की पूजा करें, जिससे उन्हें उपजाऊ मिट्टी मिलेगी और उन्हें अपने मवेशियों (पशु, जानवर आदि) को पालने में मदद मिलेगी।

यह सुनकर, गांव वालों ने कृष्ण की बात मान ली और गोवर्धन पर्वत पर भोजन चढ़ाया। लोगों को गोवर्धन पर्वत पर भोजन चढ़ाते देख भगवान इंद्र को जलन हुई और वे गुस्सा हो गए। गोवर्धन पूजा की कहानी (Govardhan Puja Ki Kahani) के अनुसार, गुस्से में आकर उन्होंने भारी बारिश और बाढ़ भेज दी जिससे वृंदावन के गांव वाले परेशान हो गए।

गोवर्धन पूजा की कहानी के अनुसार, इस दौरान बेसहारा लोगों को देखते हुए, भगवान कृष्ण ने गांव वालों की रक्षा की और सहारा देने के लिए सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया। बाद में, इंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ, उन्होंने बारिश रोक दी और भगवान कृष्ण से माफी मांगी।

गोवर्धन पूजा का उत्सव अनुष्ठान और पूजा समारोह के बिना अधूरा है और गोवर्धन पूजा कैसे करते हैं? ये भी यहां हिन्दी में गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja in Hindi) की कुछ अनुष्ठान बताए गए हैं जिन्हें भक्तों को गोवर्धन पूजा के दिन जरूर करना चाहिए।

गोवर्धन पूजा पर किए जाने वाले अनुष्ठान

भगवान कृष्ण प्रेम के प्रतीक हैं। उन्हें बस अपने भक्तों से शुद्ध भक्ति और प्रेम की जरूरत होती है। गोवर्धन पूजा कैसे करते हैं ये तो आप जान लिया अब जानते हैं कि गोवर्धन पूजा के दिन सरल लेकिन शक्तिशाली उपायों का पालन कैसे करें? चलिए नीचे जानते हैं।

  • लोग अन्नकूट के स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करते हैं, जिसमें कम से कम 56 या 108 शाकाहारी व्यंजन शामिल होते हैं। फिर, गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।
  • गोवर्धन पूजा के दौरान लोग भगवान कृष्ण को खुश करने के लिए नाचते-गाते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं। इसके अलावा, घरों को सजाने के लिए गोवर्धन पूजा की रंगोली भी बनाई जाती है।
  • गोवर्धन पूजा की विधि (Govardhan Puja Vidhi) के मुताबिक, इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाया जाता है। भगवान कृष्ण के सभी भक्त गोवर्धन पूजा का त्यौहार मनाने के लिए एक साथ आते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं।
  • लोग गाय के गोबर से बने गोवर्धन पर्वत के चारों ओर पांच चक्कर लगाते हुए परिक्रमा करते हैं, आशीर्वाद मांगते हैं और भजन गाते हैं।
  • गोवर्धन पूजा की विधि (Govardhan Puja Vidhi) के अनुसार, इसके अलावा, गोवर्धन पूजा व्रत कथा का पाठ किया जाता है और सभी लोग कथा सुनने के लिए एक साथ बैठते हैं।
  • गोवर्धन पूजा के दिन भक्त सभी ब्राह्मणों को भोजन और जरूरत की वस्तुएं दान कर सकते हैं। इसके अलावा, वे घर पर कुछ सब्जी भोजन भी बना सकते हैं और ब्राह्मणों को आमंत्रित कर सकते हैं।

गोवर्धन पूजा के प्रभावशाली उपाय

गोवर्धन पूजा के दिन अपने घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से स्वास्तिक बनाएं और उस पर खील छिड़कें। अच्छे स्वास्थ्य और जीवन शक्ति के लिए तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक भी जलाया जा सकता है।

  • अच्छे स्वास्थ्य के लिए गोवर्धन पूजा उपाय

गोवर्धन पूजा के समय एक थाली में पांच गोमती चक्र रखें। पूजा समाप्त होने के बाद गोमती चक्रों को लाल कपड़े में बांधकर पर्स या तिजोरी में रख दें। माना जाता है कि यह सरल उपाय समृद्धि और धन लाता है।

  • धन और समृद्धि के लिए गोवर्धन पूजा उपाय

करियर में उन्नति और सफलता के लिए विष्णु मंदिर में हरी सब्जियां दान करनी चाहिए। विष्णु बीज मंत्र 'ऊँ नमो भगवते नारायणाय' का 108 बार जाप करने से भी तुरंत लाभ मिलता है।

  • करियर में उन्नति के लिए गोवर्धन पूजा उपाय

सकारात्मकता को आकर्षित करने और आस-पास से बुरी नज़र को दूर करने के लिए गाय के गोबर से बने कंडे जलाएं। ऐसा माना जाता है कि गाय के गोबर का पवित्र धुआं वातावरण में फैलकर शांति, खुशी और अच्छा भाव लाता है, जिससे आस-पास की सारी नकारात्मकता दूर हो जाती है।

  • बुरी नजर से बचने के लिए गोवर्धन पूजा उपाय

Burn pots made of cow dung to attract positivity and remove evil eyes from the surroundings. It is believed that cow dung's sacred fumes spread in the atmosphere, bringing peace, positivity and harmony, removing all the negativity around.

Summary

Govardhan Puja 2026 honours Lord Krishna’s act of lifting Govardhan Hill to protect the people of Vrindavan. The festival celebrates gratitude, nature, and devotion. Devotees perform puja, offer Annakoot food, follow simple remedies, listen to the vrat katha, and pray for health, wealth, peace, and protection.

अन्य महत्वपूर्ण त्योहारों के बारे में पढ़ें

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल-

सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक गोवर्धन पूजा है जिसका अर्थ है भगवान कृष्ण द्वारा भक्तों को इंद्र देव से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाने के कार्य को याद करना।
गोवर्धन पूजा दिवाली के चौथे दिन मनाई जाती है, जिस दिन भगवान कृष्ण के बालरूप ने इंद्रदेव को हराया था और वृंदावन गांव को बारिश से होने वाली बाढ़ से बचाया था।
गोवर्धन पूजा मनाने के लिए, फर्श को सही तरीके से साफ किया जाता है और भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाए जाने की मूर्ति बनाई जाती है। लोग भगवान कृष्ण को दूध, दही और लड्डू के साथ-साथ धूपबत्ती और दीये भी चढ़ाते हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गोवर्धन पूजा के अवसर पर पीले और नारंगी रंग को शुभ माना जाता है।
गोवर्धन पूजा के दिन शराब, तामसिक भोजन और गंदे कपड़े पहनने से बचना चाहिए। साथ ही साफ और खुली जगह पर पूजा करनी चाहिए।
भगवान कृष्ण ने सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर अपने सभी भक्तों को इंद्र देव द्वारा भेजी गई बारिश से बचाया था।

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