Talk to India's best Astrologers
First Consultation at ₹1 only
Login
Enter your mobile number
महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक गोवर्धन पूजा है, जो भगवान कृष्ण को समर्पित है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के पहले चंद्र दिवस पर मनाया जाने वाला यह त्यौहार भगवान कृष्ण की सुरक्षा का प्रतीक है, क्योंकि उन्होंने गोकुल के गांव वालों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था। आइए हिन्दी में गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja in Hindi) के बारे में और जानकारी प्राप्त करते हैं।
क्या आप जानते हैं गोवर्धन पूजा क्यों मनाया जाता है (Govardhan Puja Kyu Manaya Jata Hai) और इसका महत्व क्या है? भगवान कृष्ण द्वारा अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाने की कहानी पर आधारित है। यह कार्य 'रक्षक और प्रदाता (देनेवाला)' के रूप में उनकी भूमिका का प्रतीक है। उन्होंने अपने भक्तों को बारिश के कारण होने वाले नुकसान से बचाया और सात दिनों तक पहाड़ को उठाकर खड़े रहे।
गोवर्धन पूजा का उत्सव मनुष्य और प्रकृति के बीच के बंधन का भी प्रतीक है। गोवर्धन पूजा की कहानी (Govardhan Puja Ki Kahani) के अनुसार, इस दिन, कई लोग घर पर भी पूजा करते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं, गोवर्धन पूजा को बहुत खुशी और आनंद के साथ मनाते हैं।
गोवर्धन पूजा की कहानी के अनुसार, एक बार भगवान कृष्ण ने देखा कि वृंदावन के लोग भगवान इंद्र (वर्षा के देवता) के लिए यज्ञ में प्रसाद के रूप में कई खाद्य पदार्थ तैयार कर रहे थे। हालांकि, कृष्ण ने सुझाव दिया कि गांव के लोग गोवर्धन पर्वत की पूजा करें, जिससे उन्हें उपजाऊ मिट्टी मिलेगी और उन्हें अपने मवेशियों (पशु, जानवर आदि) को पालने में मदद मिलेगी।
यह सुनकर, गांव वालों ने कृष्ण की बात मान ली और गोवर्धन पर्वत पर भोजन चढ़ाया। लोगों को गोवर्धन पर्वत पर भोजन चढ़ाते देख भगवान इंद्र को जलन हुई और वे गुस्सा हो गए। गोवर्धन पूजा की कहानी (Govardhan Puja Ki Kahani) के अनुसार, गुस्से में आकर उन्होंने भारी बारिश और बाढ़ भेज दी जिससे वृंदावन के गांव वाले परेशान हो गए।
गोवर्धन पूजा की कहानी के अनुसार, इस दौरान बेसहारा लोगों को देखते हुए, भगवान कृष्ण ने गांव वालों की रक्षा की और सहारा देने के लिए सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया। बाद में, इंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ, उन्होंने बारिश रोक दी और भगवान कृष्ण से माफी मांगी।
गोवर्धन पूजा का उत्सव अनुष्ठान और पूजा समारोह के बिना अधूरा है और गोवर्धन पूजा कैसे करते हैं? ये भी यहां हिन्दी में गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja in Hindi) की कुछ अनुष्ठान बताए गए हैं जिन्हें भक्तों को गोवर्धन पूजा के दिन जरूर करना चाहिए।
भगवान कृष्ण प्रेम के प्रतीक हैं। उन्हें बस अपने भक्तों से शुद्ध भक्ति और प्रेम की जरूरत होती है। गोवर्धन पूजा कैसे करते हैं ये तो आप जान लिया अब जानते हैं कि गोवर्धन पूजा के दिन सरल लेकिन शक्तिशाली उपायों का पालन कैसे करें? चलिए नीचे जानते हैं।
गोवर्धन पूजा के दिन अपने घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से स्वास्तिक बनाएं और उस पर खील छिड़कें। अच्छे स्वास्थ्य और जीवन शक्ति के लिए तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक भी जलाया जा सकता है।
गोवर्धन पूजा के समय एक थाली में पांच गोमती चक्र रखें। पूजा समाप्त होने के बाद गोमती चक्रों को लाल कपड़े में बांधकर पर्स या तिजोरी में रख दें। माना जाता है कि यह सरल उपाय समृद्धि और धन लाता है।
करियर में उन्नति और सफलता के लिए विष्णु मंदिर में हरी सब्जियां दान करनी चाहिए। विष्णु बीज मंत्र 'ऊँ नमो भगवते नारायणाय' का 108 बार जाप करने से भी तुरंत लाभ मिलता है।
सकारात्मकता को आकर्षित करने और आस-पास से बुरी नज़र को दूर करने के लिए गाय के गोबर से बने कंडे जलाएं। ऐसा माना जाता है कि गाय के गोबर का पवित्र धुआं वातावरण में फैलकर शांति, खुशी और अच्छा भाव लाता है, जिससे आस-पास की सारी नकारात्मकता दूर हो जाती है।
अन्य महत्वपूर्ण त्योहारों के बारे में पढ़ें