शतभिषा नक्षत्र अर्थ

शतभिषा नक्षत्र, जिसे‘वीलिंग स्टार’या '100 चिकित्सक' केनाम से भी जाना जाता है। 24वां नक्षत्र है। इस नक्षत्र के देवता ‘वरुण’ हैं, जो जल, महासागर और आकाश के हिंदू देवता हैं। राहु ग्रह इस नक्षत्र पर शासन करता है, जो उन्हें अपरंपरागत विचारों (जो पुरानी परंपरा या नियम से न हो) और नई सोच रखने के लिए हिम्मत देता है।

शतभिषा नक्षत्र 2025 की तारीखें

आगामी शतभिषा नक्षत्र की आरंभ और समाप्ति तिथियां यहां दी गई है।

शतभिषा नक्षत्र तिथि एवं दिन 2025प्रारंभ समय समाप्ति समय
3 जनवरी 2025
शुक्रवार
रात 10:22 बजे से, 03 जनवरी
रात 09:23 बजे तक, 04 जनवरी
31 जनवरी 2025
शुक्रवार
सुबह 05:50 बजे से, 31 जनवरी
सुबह 04:14 बजे तक, 01 फरवरी
27 फरवरी 2025
गुरुवार
दोपहर 03:43 बजे से, 27 फरवरी
दोपहर 01:40 बजे तक, 28 फरवरी
27 मार्च 2025
गुरुवार
सुबह 02:30 बजे से, 27 मार्च
सुबह 12:34 बजे तक, 28 मार्च
23 अप्रैल 2025
बुधवार
दोपहर 12:07 बजे से, 23 अप्रैल
सुबह 10:49 बजे तक, 24 अप्रैल
20 मई 2025
मंगलवार
शाम 07:32 बजे से, मई 20
शाम 06:58 बजे तक, मई 21

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शतभिषा नक्षत्र तिथि एवं दिन 2025प्रारंभ समय समाप्ति समय
3 जनवरी 2025
शुक्रवार
रात 10:22 बजे से, 03 जनवरी
रात 09:23 बजे तक, 04 जनवरी
31 जनवरी 2025
शुक्रवार
सुबह 05:50 बजे से, 31 जनवरी
सुबह 04:14 बजे तक, 01 फरवरी
27 फरवरी 2025
गुरुवार
दोपहर 03:43 बजे से, 27 फरवरी
दोपहर 01:40 बजे तक, 28 फरवरी
27 मार्च 2025
गुरुवार
सुबह 02:30 बजे से, 27 मार्च
सुबह 12:34 बजे तक, 28 मार्च
23 अप्रैल 2025
बुधवार
दोपहर 12:07 बजे से, 23 अप्रैल
सुबह 10:49 बजे तक, 24 अप्रैल
20 मई 2025
मंगलवार
शाम 07:32 बजे से, मई 20
शाम 06:58 बजे तक, मई 21
17 जून 2025
मंगलवार
सुबह 01:13 बजे से, जून 17
सुबह 01:01 बजे तक, जून 18
14 जुलाई 2025
सोमवार
सुबह 06:49 बजे से, 14 जुलाई
सुबह 06:26 बजे तक, 15 जुलाई
10 अगस्त 2025
रविवार
सुबह 01:52 बजे से, 10 अगस्त
दोपहर 01:00 बजे तक, 11 अगस्त
6 सितम्बर 2025
शनिवार
रात 10:55 बजे से, सितम्बर 06
रात 09:41 बजे तक, सितम्बर 07
4 अक्टूबर 2025
शनिवार
सुबह 09:09 बजे से, अक्टूबर 04
सुबह 08:01 बजे तक, अक्टूबर 05
31 अक्टूबर 2025
शुक्रवार
शाम 06:51 बजे से, 31 अक्टूबर शाम 06:20 बजे तक, 01 नवंबर
28 नवंबर 2025
शुक्रवार
सुबह 02:32 बजे से, 28 नवंबर
सुबह 02:49 बजे तक, 29 नवंबर
25 December 2025
Thursday
08:18 P.M., Dec 25
09:00 A.M., Dec 26

शतभिषा नक्षत्र की प्रमुख विशेषताएं

शतभिषा नक्षत्र कुंभ राशि (Shatabhisha Nakshatra Kumbha Rashi) में 6.40 डिग्री से 20 डिग्री तक होता है। तो, आइए हिन्दी में शतभिषा नक्षत्र (Shatabhisha Nakshatra in Hindi) की कुछ प्रमुख विशेषताओं पर नज़र डालते हैं।

  • शतभिषा नक्षत्र चिन्ह : एक खाली वृत्त
  • शतभिषा नक्षत्र स्वामी ग्रह : राहु
  • शतभिषा नक्षत्र राशि : कुम्भ
  • शतभिषा नक्षत्र देवता : वरुण
  • शतभिषा नक्षत्र पशु : मादा घोड़ा

शतभिषा नक्षत्र व्यक्तित्व लक्षण

सबसे सहज और बुद्धिमान नक्षत्र के कुछ अच्छे और कुछ बुरे लक्षणों को समझने के लिए आपको नीचे पढ़ना होगा। तो, चलिए शुरू करते हैं।

सकारात्मक लक्षण

शतभिषा नक्षत्र राशि (Shatabhisha Nakshatra Rashi) के लोग बुद्धिमान होते हैं क्योंकि उनकी सोचने की क्षमता अलग होती है। वे अपनी सोच के साथ नए विचार ला सकते हैं। आप अक्सर किताबें पढ़ते और जीवन के गहरे अर्थों को देखते हुए पाएंगे। सौ डॉक्टरों के रूप में भी जाने जाने वाले, वे उपचार, दवा और इलाज करने की कला से जुड़े हुए हैं।

चुनौतीपूर्ण लक्षण

शतभिषा नक्षत्र का नकारात्मक गुण यह है कि वे स्वभाव से बहुत छुपे हुए होते हैं, जिससे वे अपनी पहचान छिपाए रखते हैं। वे लोगों के साथ जल्दी खुलकर बात नहीं करते हैं और अक्सर खुद को बहुत अधिक दोस्ताना होने से रोकते हैं। इसके अलावा, वे रहस्यमय, उच्च शिक्षित और बहुत होशियार होते हैं, लेकिन वे अपनी प्रतिभा को छुपाए रखते हैं और उनके बारे में कोई दिखावा नहीं करते हैं।

शतभिषा नक्षत्र पुरुष लक्षण

अब हम शतभिषा नक्षत्र राशि (Shatabhisha Nakshatra Rashi) के पुरुष लक्षणों पर चर्चा करेंगे, जिसमें उनके प्रेम जीवन, शारीरिक बनावट, करियर और स्वास्थ्य शामिल हैं।

भौतिक उपस्थिति

शतभिषा नक्षत्र के पुरुषों की आंखें आकर्षक और माथा चौड़ा होता है। उनकी नाक नुकीली होती है और उनका पेट आमतौर पर बाहर निकला होता है। उनकी शारीरिक बनावट और खुद को स्टाइल करने का तरीका बहुत तारीफें बटोरता है और महिलाओं का ध्यान खींचता है।

प्रेम जीवन और विवाह

शतभिषा नक्षत्र विवाह भविष्यवाणी के अनुसार, लोग ज्यादातर अपनी ही दुनिया में खोए रहते हैं, जिससे वे अपने साथी से दूर हो जाते हैं। इनका प्रेम जीवन और विवाह शुरू में थोड़ा मुश्किल भरा हो सकता है, लेकिन अंत में इनका रिश्ता फलदायी होगा।

रोजगार व करियर

अगर हमें सबसे बुद्धिमान, गंभीर ढंग से सोचने वाला और स्वाभाविक ज्ञान का एक नक्षत्र चुनना हो, तो वह शतभिषा नक्षत्र के लोग होंगे। वे जीवन में अपने लक्ष्यों के प्रति गंभीर और भावुक होते हैं और उनमें मजबूत लीडरशिप की क्षमता होती है। वे मल्टीटास्कर होते हैं जो एक साथ तीन चीजों पर आसानी से ध्यान रख कर सकते हैं।

शतभिषा नक्षत्र पद 1:

शतभिषा नक्षत्र में जन्मे लोग आमतौर पर मधुमेह और हृदय संबंधी समस्याओं से ग्रस्त होते हैं। वे अक्सर अपने खाने की आदतों की अनदेखी करते हैं, जिससे उन्हें पेट की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, वे अक्सर गंभीर सिरदर्द और सर्दी से जूझते हैं।

शतभिषा नक्षत्र पद 2 या शतभिषा नक्षत्र चरण 2:

शतभिषा नक्षत्र में स्नान करना शुभ माना जाता है। अब हमारे पास हिन्दी में सत्यम नचतिरम की स्त्री विशेषताओं के बारे में जानकारी है, और हम उनके शारीरिक स्वरूप, करियर, प्रेम जीवन, विवाह और स्वास्थ्य पर गौर करेंगे।

शतभिषा नक्षत्र पद 3:

शतभिषा नक्षत्र में जन्म लेने वाली महिलाएं गोरी और आकर्षक चेहरे वाली होती हैं। उनकी आंखें बड़ी, पलकें लंबी और गालों की हड्डियां ऊंची होती हैं। उनके कूल्हे घुमावदार और कंधे चौड़े होते हैं, जिससे वे सुंदर और आत्मविश्वासी दिखती हैं।

शतभिषा नक्षत्र पद 4:

शतभिषा नक्षत्र विवाह भविष्यवाणी के अनुसार, इस नक्षत्र में जन्मी महिलाओं को एक वफादार और देखभाल करने वाला साथी मिलता है। इन महिलाओं का रिश्ता आमतौर पर लंबी दूरी का होता है, जो इसे थोड़ा मुश्किल बनाता है, लेकिन वे सभी चुनौतियों को आसानी से संभाल सकती हैं। इस नक्षत्र का प्रेम विवाह आमतौर पर तलाक या पति की मृत्यु के साथ समाप्त होता है।

शतभिषा नक्षत्र भौतिक विशेषताएं पुरुष:

शतभिषा नक्षत्र की महिलाओं का करियर विज्ञान और किसी विषय पर खोज करने की ओर बहुत अधिक झुकाव वाला होता है। इस नक्षत्र की महिलाओं का दिमाग तेज होता है और वे अपनी रुचि के क्षेत्र में बहुत क्लियर रहती हैं।

शतभिषा नक्षत्र व्यक्तित्व और विशेषता पुरुष:

शतभिषा नक्षत्र की महिलाओं के लिए स्वास्थ्य एक बड़ी चिंता होगी। उन्हें अपने शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति बहुत सावधान रहना चाहिए और बिना मसाला और सादा भोजन खाना चाहिए। उन्हें मूत्र संक्रमण होने का खतरा रहता है। इसलिए उन्हें बहुत सारा पानी पीना चाहिए और खुद को हाइड्रेट रखना चाहिए।

शतभिषा नक्षत्र करियर पुरुष:

शतभिषा नक्षत्र में स्नान करने से कई तरह के पुण्य फल मिलते हैं। आइए अब हिन्दी में शतभिषा नक्षत्र (Shatabhisha Nakshatra in Hindi) के चार चरणों पर नज़र डालें, जो दिन के चार प्राकृतिक विभाजन हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाला हर व्यक्ति अलग-अलग चरणों से जुड़ा होता है, उनमें से सभी अपने अद्वितीय व्यवहार लक्षण दिखाता है।

शतभिषा नक्षत्र धन पुरुष:

पद 1 में जन्मे लोग धनु नवांशमें आते हैं। जिस पर बृहस्पति ग्रह का शासन है। ये लोग दयालु होते हैं और अक्सर सामाजिक एक्टिविटी में शामिल होते हैं। वे लोगों के प्रति सहानुभूति रखते हैं।

शतभिषा नक्षत्र विवाह और वैवाहिक जीवन पुरुष:

शतभिषा नक्षत्र के पद 2 में जन्मे लोगों का मकर नवांशहोता है और वे शनि ग्रह द्वारा शासित होते हैं। शनि के प्रभाव के कारण, वे जिम्मेदार व्यक्ति होते हैं लेकिन आमतौर पर सही निर्णय लेने में संघर्ष करते हैं। इसके अलावा, वे जीवन को वैसा ही स्वीकार करते हैं जैसा वह है, न कि जैसा वे चाहते हैं।

शतभिषा नक्षत्र अनुकूलता पुरुष:

पद 3 शतभिषा नक्षत्र कुंभ नवांशके अंतर्गत आता है, जिसका स्वामी ग्रह देवता शनि है। इन लोगों का जीवन के प्रति एक मजबूत दृष्टिकोण होता है और ये आसानी से विचलित नहीं होते। ये मददगार होते हैं और समाज में एक अलग बदलाव लाने वाली गतिविधियों में लगातार भाग लेते हैं

शतभिषा नक्षत्र स्वास्थ्य पुरुष:

शतभिषा नक्षत्र के पद 4 में जन्म लेने वाले लोग बृहस्पति द्वारा शासितमीन नवांश के अंतर्गत आते हैं। वे अपने प्रियजनों के प्रति दयालु होते हैं लेकिन अपनी भावनाओं पर काबू रखते हैं। वे किसी भी मुद्दे के मूल कारण को समझने में गहरी रुचि रखते हैं और इस प्रकार समस्याओं को हल करने के लिए अपने तेज दिमाग का इस्तेमाल करते हैं।

शतभिषा नक्षत्र स्त्री शारीरिक विशेषताएं:

यहां, हम शतभिषा नक्षत्र में विभिन्न ग्रहों के प्रभाव और वे आपके जीवन को किस प्रकार अलग-अलग तरीके से प्रभावित करते हैं, इस पर गौर करेंगे।

  • शतभिषा नक्षत्र में शुक्र : धन का ग्रह शुक्र शतभिषा नक्षत्र में होने पर व्यक्ति के जीवन में अपार धन, सफलता और सौभाग्य ला सकता है।
  • शतभिषा नक्षत्र में बृहस्पति : जब बृहस्पति इस नक्षत्र में होता है, तो यह उच्च ज्ञान की तरफ इशारा करता है, जिससे वे बुद्धिमान व्यक्ति और ज्ञानी बनता है।
  • शतभिषा नक्षत्र में राहु : इस स्थिति से पता चलता है कि व्यक्ति अचानक जिद्दी हो जाता है। वे गलत और जल्दबाजी में निर्णय लेने लगता है।
  • शतभिषा नक्षत्र में मंगल : शतभिषा नक्षत्र में मंगल होने पर व्यक्ति साहसी बनता है। साथ ही, समस्याओं को सुलझाने और उनका आसान समाधान निकालने की भी उनमें बहुत क्षमता होती है।
  • शतभिषा नक्षत्र में सूर्य : शतभिषा नक्षत्र में स्थित सूर्य शक्ति, लीडरशिप और मजबूत आत्मविश्वास का प्रतीक है। यह कारक अच्छे अवसरों को आकर्षित करता है, जिससे वे महान आदमी बनता है।
  • शतभिषा नक्षत्र में चंद्रमा :शतभिषा नक्षत्र में चंद्रमा का प्रभाव व्यक्ति को समझदार और ज्यादा भावुक बनाता है। वे लोगों के प्रति दयालु और सहानुभूतिपूर्ण होंगे।
  • शतभिषा नक्षत्र में बुध : शतभिषा नक्षत्र में बुध का होना व्यक्ति को वाणी पर अच्छी पकड़ देता है जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • शतभिषा नक्षत्र में शनि : शतभिषा नक्षत्र में शनि की स्थिति व्यक्ति को अपने जीवन के प्रति जिम्मेदार और गंभीर बनाती है। वे व्यवस्थित और स्थिर जीवन जीते हैं।
  • शतभिषा नक्षत्र में केतु : शतभिषा नक्षत्र में केतु वाले व्यक्ति संकेत देते हैं कि वे सांसारिक सुखों से विचलित हुए बिना भगवान के प्रति भक्ति भाव के साथ जीवन जीना पसंद करते हैं।

शतभिषा नक्षत्र महिला व्यक्तित्व और विशेषताएं:

नक्षत्र अनुकूलता मैचमेकिंग और सही साथी पाने के लिए जरूरी है। इसलिए, हम कुछ ऐसे नक्षत्रों पर नज़र डालेंगे जो शतभिषा नक्षत्र के अनुसार सही है।

शतभिषा नक्षत्र महिला करियर:

शतभिषा नक्षत्र और धनिष्ठा नक्षत्र एक दूसरे के लिए एकदम सही जोड़ी बनाते हैं क्योंकि दोनों एक दूसरे के साथ सुरक्षित महसूस करते हैं। धनिष्ठा नक्षत्र वाले व्यक्ति अपने जीवन के प्रति गंभीर होते हैं जो उन्हें स्थिर बनाता है, जो शतभिषा नक्षत्र के गुणों की प्रशंसा करता है।

hello

शतभिषा नक्षत्र महिला धन:

असंगत नक्षत्र

शतभिषा नक्षत्र स्त्री वैवाहिक जीवन:

इसके अलावा, हस्त नक्षत्र का जीवन के प्रति एक अलग नजरिया होता है जिसके कारण उनके रिश्ते में बहुत सी दिक्कतें होती हैं, जिससे वे असंगत हो जाते हैं। इन नक्षत्रों की प्राथमिकताएं अलग-अलग होती हैं, जिसके कारण एक-दूसरे की जरूरतों और इच्छाओं को समझने के लिए लगातार मेहनत करते है।

शतभिषा नक्षत्र के दौरान क्या करें और क्या न करें

शतभिषा नक्षत्र के दौरान आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, यह जानने के लिए आप नीचे पढ़ सकते हैं:

  • शतभिषा नक्षत्र के दौरान किसी भी प्रकार का व्यापारिक सौदा करना या नया व्यवसाय शुरू करना सबसे सही होता है।
  • यदि आप कार या किसी भी प्रकार का ऑटोमोबाइल खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो इसे खरीदने के लिए यह सबसे अच्छा समय है क्योंकि शतभिषा नक्षत्र की ऊर्जा इसे भाग्यशाली बनाती है।
  • आपको शादी करने, सगाई समारोह करने या किसी भी नई शुरुआत का जश्न मनाने से बचना चाहिए।
  • शतभिषा नक्षत्र महिला अनुकूलता:
  • शतभिषा नक्षत्र का समय किसी भी भगवान से जुड़े किसी भी काम को करने और घर पर पूजा करने के लिए एक अच्छा समय है।

शतभिषा नक्षत्र के प्रभावशाली उपाय

शतभिषा नक्षत्र के उपाय करने से इस नक्षत्र के बुरे प्रभावों को दूर करने में मदद मिल सकती है और आप एक पूरा जीवन जी सकते हैं।

  • भगवान शिव की पूजा करें और उन्हें तिल और चंदन चढ़ाएं।
  • आपको भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अभिषेक और अर्चना करनी चाहिए और लाभकारी उपाय के रूप में उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।
  • आप वरुण मंदिर जाकर उन्हें चावल, फूल और नारियलचढ़ा सकते हैं । यदि संभव न हो तो आप इन चीजों को पानी में भी चढ़ा सकते हैं क्योंकि वे समुद्र के देवता हैं।
  • शतभिषा नक्षत्र महिला स्वास्थ्य:
  • शतभिषा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति गोमेद (हेसोनाइट) भी पहन सकते हैं, जो उन्हें बुरी शक्तियों से बचाता है।

शतभिषा नक्षत्र में जन्मे प्रसिद्ध व्यक्तित्व

जैसा कि हम शतभिषा नक्षत्र के लक्षण, उपाय और अनुकूलता के साथ समाप्त करते हैं, हमारे पास शतभिषा नक्षत्र में पैदा हुई कुछ प्रसिद्ध हस्तियां हैं।

  • गोविंद अरुण आहूजा (गोविंदा)
  • काजोल देवगन
  • सिंडी क्रॉफोर्ड
  • माइकल एंजेलो
  • पैट रयान
  • Waheeda Rahman

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल-

शतभिषा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग प्राकृतिक चिकित्सक होते हैं। वे ऐसे व्यवसायों में होते हैं जिनमें शारीरिक और मानसिक उपचार शामिल होता है। इसलिए, वे एक व्यक्ति के लिए अच्छे हैं।
शतभिषा छुपे हुए ज्ञान, आस्था शक्ति या उन चीज़ों के माध्यम से सफलता प्राप्त कर सकते हैं जो आम लोगों के लिए अज्ञात हैं।
शतभिषा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों के देवता भगवान वरुण होते हैं। वरुण को रात्रि आकाश, वर्षा, स्थलीय जल और पृथ्वी के देवता के रूप में भी जाना जाता है।
शतभिषा नक्षत्र राशि, या राशि चक्र, कुंभ है। कुम्भ राशि के जातक बुद्धिमान, अनुसंधान-उन्मुख और जीवन में गहरे अर्थ खोजने के लिए दुनिया से अलग-अलग होते हैं।
शतभिषा नक्षत्र में जन्मे लोगों को विशेष रूप से शनिवार को शतभिषा नक्षत्र के दिन भगवान शिव, जिनका नाम श्री अग्निश्वर है, इसको तिल का तेल और चंदन का लेप अर्पित करना चाहिए। अभिषेकम (देव प्रतिमा को धोना), अर्चना (दीपक से आरती) और अग्नि अनुष्ठान करना भी शुभ है।
शतभिषा नक्षत्र के जातकों के लिए धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र के जातक सबसे उपयुक्त होते हैं।

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