गर्भावस्था मंत्र - प्रजनन क्षमता और पोषण को अपनाना

गर्भावस्था के दौरान भगवान की पूजा करना या गर्भवती होना मंत्रों के माध्यम से अधिक प्रभावी हो जाता है। इसलिए, गर्भावस्था के नौ महीनों के दौरान खाने की आदतों और योग के साथ-साथ चीजों को अच्छा रखने के लिए गर्भावस्था मंत्रों की एक सूची पढ़ी जाती है। हिंदी में गर्भावस्था मंत्र (Pregnancy mantra in hindi) और गर्भावस्था में कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए (Pregnancy me konsa mantra padhna chahiye) जानने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।

गर्भवती होने के लिए मंत्र

मंत्रों को ईश्वरीय आशीर्वाद प्राप्त करने का एक शक्तिशाली तरीका माना जाता है। जो महिलाएं बांझपन की समस्या या गर्भवती होने में समस्या का सामना कर रही हैं, वे देवी-देवताओं से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए मंत्रों का जाप कर सकती हैं। हिंदी में गर्भावस्था मंत्र (Pregnancy mantra in hindi) इस प्रकार हैं:

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मूल मंत्र

गर्भधारण करने की लंबे समय से चली आ रही इच्छा को पूरा करने के लिए यह एक शक्तिशाली मंत्र है। प्रसव तक नीचे लिखे मंत्र का 108 बार जाप करें।

“ॐ हरिं लज्जा जल्यां तः तह लैः ॐ हरिम स्वाहा”

“Om Hrim Lajja Jjalyam Thah Thah Lah Om Hrim Svaha”

अर्थ:सर्वशक्तिमान से प्रार्थना करें कि वे अपनी कृपा दिखाएं और आपको संतान का आशीर्वाद दें।

लाभ:मंत्रों का जाप करने से गर्भवती महिलाएं अपने अजन्मे बच्चे से गहरे स्तर पर जुड़ पाती हैं। मंत्रों के सुखदायक कंपन से माँ और बच्चे दोनों के लिए शांतिपूर्ण वातावरण बन सकता है, जिससे एकता और बंधन की भावना बढ़ती है।

गर्भरक्षम्बिगा श्लोक

गर्भरक्षम्बिगा श्लोक गर्भ और भ्रूण की रक्षक देवी गर्भाक्षम्बिका को समर्पित एक मंत्र है। बच्चे की सुरक्षा के लिए इस मंत्र का जाप करें।

‘औं देवेन्धिराणी नमोस्तुब्यं ढेवेन्धिरा पिरिया बामिनी
विवाहाहा बाक्यम् आरोक्यम् पुथरा लाबम साधेहिमे
पधीं धेहि सुधां धेहि सौबक्यम् धेहिमे सुभे।
सौमाङ्गल्यां सुबं ज्ञानं धेहिमे गरबरक्षके’

‘Aum Devendhiraani Namosthubyam Dhevendhira Piriya Baamini
Vivaaha Baakyam Aarokyam Puthra Laabam Sadhehime
Padhim Dhehi Sudham Dhehi Soubaakyam Dhehime Subhe
Soumaangalyam Subam Gnayanam Dhehime Garbarakshake’

अर्थ: बार-बार देवी का नाम लें और उनकी स्तुति करें। हम इसके माध्यम से अच्छे गुणों, स्वास्थ्य और समृद्ध जीवन वाले बच्चों के लिए उनका आशीर्वाद चाहते हैं।

लाभ: इस मंत्र का जाप दिव्य ऊर्जाओं को आमंत्रित करने और बच्चे को अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और समृद्ध जीवन का आशीर्वाद देने के लिए किया जाता है।

संतान प्राप्ति के लिए कृष्ण मंत्र

संतान प्राप्ति के लिए यह कृष्ण मंत्र एक प्रभावी मंत्र माना जाता है जो एक महिला को जल्दी गर्भधारण करने में मदद कर सकता है। इस मंत्र का नियमित रूप से भक्ति के साथ जाप करने से व्यक्ति को दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है।

|| ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत ||

|| Om Devki Sut Govind Vasudev Jagatpate Dehi Mai Tany Krishna Tvamha Sharan Gat ||

अर्थ: हे देवकी के पुत्र, जिन्हें गोविंद, वासुदेव और जगत्पते के नाम से जाना जाता है, मुझे एक संतान का आशीर्वाद दें। मैं आपके सामने आत्मसमर्पण करता हूँ और आपकी कृपा चाहता हूँ।

लाभ: इस मंत्र का प्रतिदिन भक्ति के साथ जाप करने से व्यक्ति को भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद मिलती है। यह मंत्र महिलाओं को गर्भधारण में देरी का कारण बनने वाली बाधाओं को दूर करके गर्भधारण करने में मदद कर सकता है।

सर्वबाधा विनिर्मुक्तो मंत्र

यह मंत्र देवी दुर्गा को समर्पित मंत्रों में से एक है। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन से बाधाएं और समस्याएं दूर होती हैं।

|| सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ||

|| Sarvabadha Vinirmukto Dhan Dhanya Sutanvit
Manushyo Matprasaden Bhavishyati Na Sanshay ||

अर्थ: मैं सभी प्रकार की परेशानियों और बाधाओं से मुक्ति चाहता हूँ। मैं धन, समृद्धि और संतान के लिए प्रार्थना करता हूँ। मुझे विश्वास है कि मेरी प्रार्थनाएँ ईश्वर द्वारा सुनी जाएँगी।

लाभ: इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को संतान की प्राप्ति होती है। यह एक शक्तिशाली मंत्र है जो व्यक्ति को अपने जीवन में आने वाली समस्याओं और बाधाओं से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है।

गर्भावस्था के दौरान जपने के लिए मंत्र

गर्भावस्था के लिए कई मंत्र लाभकारी माने जाते हैं। आइए एक-एक करके सबसे शक्तिशाली गर्भावस्था मंत्रों पर नज़र डालें। पाठकों की सुविधा के लिए हमने गर्भावस्था के लिए संस्कृत मंत्र का अंग्रेजी में भी अनुवाद बताया है।

गर्भावस्था गायत्री मंत्र

गर्भावस्था गायत्री मंत्र का जाप गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए बुद्धि और ज्ञान प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस मंत्र से भगवान गर्भवती महिला को कष्टों से बचाते हैं और उसे नौ महीने की यात्रा के लिए हर दिन प्रेरित रहने के लिए प्रेरित करते हैं। प्रभावी प्रभाव के लिए इस मंत्र का प्रतिदिन 12 बार जाप करें।

|| ૐ भूर् भुवः स्वः
तत्-सवितुर्वरेण्यम्
भर्गो देवस्य धीमहि
थियो योन्: प्रचोदयात् ||

|| Om Bhur Bhuvah Swah
Tat-Savitur Varenyam
Bhargo Devasya Dheemahi
Dhiyo Yonah Prachodayat ||

अर्थ: हम सर्वोच्च शक्ति, भगवान सूर्य की प्रार्थना और ध्यान करते हैं, और उच्च बुद्धि, आध्यात्मिक ज्ञान और मजबूत दिमाग के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वे हमें बुद्धि प्रदान करें और हमारे पापों को क्षमा करें।

लाभ: इस मंत्र का जाप करने से माँ और बच्चे की रक्षा होती है। महिला को जाने-अनजाने में की गई सभी गलतियों के लिए माफी मिलती है। उसे ज्ञान प्राप्त होता है, जो उसके भीतर के बच्चे तक भी पहुंचता है। अगर माँ गायत्री मंत्र का जाप करती है, तो अजन्मे बच्चे को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

श्री गोपाल सहस्रनाम स्तोत्रम्

यह मंत्र रक्षा का मंत्र है। नौ महीने तक बच्चे को पालने में महिला को बेहद सावधान रहने की जरूरत होती है। गर्भावस्था के लिए श्री गोपाल सहस्रनाम स्तोत्रम या कृष्ण मंत्र माँ और परिवार में जागरूकता लाता है। मंत्र का 21 बार जाप करें और सुरक्षित रहें।

|| गोप-स्वामी गोकुलेन्द्रो
गोवर्धन-वर-प्रदः
नन्ददी-गोकुल-त्रात
दरिद्र्या-बथ्यानाह ||

|| Gopa-Svaami Gokulendro
Govardhana-Varaa-Pradaah
Nandaadi-Gokula-Trataa
Daataa Daaridrya-Bhanjanaah ||

अर्थ: मंत्र का जाप करके, हम भगवान कृष्ण को बुलाते हैं और उनसे माँ के गर्भ में रहने वाले बच्चे को समस्याओं और नुकसान से दूर रखने का अनुरोध करते हैं।

लाभ: इस मंत्र का जाप करने से माँ के गर्भ में पल रहे बच्चे को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। यह माँ और बच्चे की सुरक्षा तय करता है। अगर परिवार और माँ इसे रोजाना पढ़ते हैं, तो बच्चे को होने वाली कोई भी तकलीफ़, नुकसान या दुख दूर हो जाता है। इस मंत्र की मदद से गर्भावस्था में होने वाली कोई भी कमी या जटिलता भी दूर हो जाती है।

गर्भावस्था के लिए गणेश मंत्र

यह गर्भावस्था के लिए गणेश जी का मंत्र है। गर्भावस्था के लिए गणेश मंत्र का जाप करने से महिला का मन शांत होता है। एक महिला और उसके परिवार को सूर्योदय से पहले दिन में 11 बार नीचे दिए गए मंत्र का जाप करना चाहिए।

|| ॐ गण गणपतये नमः ||

|| Om Gan Ganpataye Namah ||

अर्थ: मैं भगवान गणेश से प्रार्थना करता हूँ।

लाभ: गर्भ गायत्री मंत्र गर्भवती महिला के मन से चिंता को दूर करने के लिए प्रभावी है। यह उसकी आत्मा और मन को शांत करता है। यह एक माँ को नकारात्मक भावनाओं से निपटने में मदद करता है और उन्हें अजन्मे बच्चे तक पहुँचने से रोकता है। यह भी माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से गर्भवती महिलाओं को प्रसव कालीन डिप्रेशन से बचाया जा सकता है।

गर्भावस्था के दौरान सरस्वती मंत्र

गर्भावस्था के दौरान सरस्वती मंत्र एक महिला और उसके बच्चे को गर्भ में पल रहे तीन महीनों के दौरान सहारा देने वाला एक शक्तिशाली मंत्र है। देवी सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें।

|| या कुण्डेन्दु तुषारहार धवला या शुभ्र वस्त्रावृता
या वीणा वरदन्द मण्डितकार या श्वेत पद्मासन
या ब्रह्मच्युत शंकर प्रभृतिबिहि देवैः सदा पूजिता
स मम पट्टू सरवती भगवती निहशेष जाद्यपहा ||

|| Ya Kundendu Tusharahara Dhavala Ya Shubhra Vastravrita
Ya Veena Varadanda Manditakara Ya Shveta Padmasana
Ya Brahmachyuta Shankara Prabhritibihi Devaih Sada Pujita
Sa Mam Pattu Saravatee Bhagavatee Nihshesha Jadyapaha ||

अर्थ: देवी सरस्वती, जो चमेली की पवित्रता रखती हैं और बर्फ और चाँद की तरह शीतल हैं, मोतियों और सफेद वस्त्रों से सजी हुई हैं। वे अपने हाथ में वीणा बजाकर आपको आशीर्वाद देती हैं। वे एक सफेद कमल पर विराजमान हैं और त्रिमूर्ति के प्रभाव से और भी शक्तिशाली हो गए हैं।

लाभ: चूंकि देवी सरस्वती बुद्धि और ज्ञान की देवी हैं, इसलिए इस मंत्र का जाप करने से गर्भवती महिला को ज्ञान मिलता है। इस मंत्र के माध्यम से, एक महिला हर गुजरते दिन के साथ सीखती है और जागरूकता बढ़ाती है। एक महिला का मन गर्भावस्था के आखिरी 12 महत्वपूर्ण दिनों में विशेष रूप से तेज और सतर्क रहें। यह गर्भ गायत्री मंत्र महिला को महत्वपूर्ण चीजों पर अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए शिक्षित करता है।

रामचरितमानस चौपाई

रामचरितमानस चौपाई एक गर्भावस्था रक्षा मंत्र है। ऐसा माना जाता है कि यह बच्चे को सभी प्रकार की जटिलताओं और नुकसान से बचाता है नीचे दिए गए मंत्र का प्रतिदिन सुबह 21 बार जाप करें।

|| मङ्गल भावना अमङ्गल हरि
द्रवू सुदासार्थ अजिर बिहारी
दिन दयाल वीरद सम्भरी
हरहुनाथ मामा संकट भरी ||

|| Mangala Bhavana Amangala Haari
Dravahu Sudasaratha Ajira Bihaari
Deen Dayaal Virad Smabhaari
Harahu Naath Mama Sankata Bhaari ||

अर्थ: हम भगवान राम से आशीर्वाद मांगते हैं, जो दशरथ के सबसे प्रिय हैं प्रिय पुत्र। वह बुराई का नाश करने वाला और अच्छाई का सबूत है। वह कमज़ोरों की रक्षा करता है और भक्त के मार्ग से बाधाओं को दूर करता है। हम उनसे प्रार्थना करते हैं कि वे खतरे और जोखिम को दूर रखें।

लाभ: गर्भावस्था के लिए इस गर्भ रक्षा मंत्र का जाप करने से गर्भाधान का विस्तार और मन और आत्मा की सुरक्षा होती है। यह महिलाओं को गर्भावस्था की सभी तरह की जटिलताओं से बचाता है। जो महिला इस मंत्र का जाप करती है, वह गर्भावस्था के सभी महीनों में स्वस्थ रहती है। यह आसान और सुरक्षित प्रसव के लिए एक लाभकारी मंत्र है।

महीने के आधार पर गर्भावस्था मंत्र

गर्भावस्था के दौरान, महिलाओं को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और ग्रहों के स्वामी को प्रसन्न करने वाले मंत्रों का जाप करना चाहिए। नीचे उन्हीं की सूची दी गई है। गर्भावस्था का प्रत्येक महीना एक विशिष्ट ग्रह को समर्पित होता है और प्रत्येक मंत्र ग्रहों से सुरक्षा की प्रार्थना करता है। ये इस प्रकार हैं:

  • पहला महीना: यह महीना शुक्र ग्रह को समर्पित है और इसका मंत्र है - ॐ सु शुक्राय नमः।
  • दूसरा महीना: यह मंत्र मंगल ग्रह के लिए है और इससे जुड़ा मंत्र है - ॐ भौं भौमाय नमः।
  • तीसरा महीना: तीसरे महीने में भगवान बृहस्पति को मंत्र - ॐ ब्रह्म बृहस्पतये नमः से प्रसन्न करने का प्रयास करें।
  • चौथा महीना: चौथा महीना भगवान सूर्य को समर्पित है, और उन्हें प्रसन्न करने का शक्तिशाली मंत्र है - ॐ घृ सूर्याय नमः।
  • पांचवां महीना: पांचवें महीने में, भगवान चंद्रमा से मंत्र - ॐ सो सोमाय नमः का उपयोग करके प्रार्थना करें।
  • छठा महीना: इस महीने, मंत्र - ॐ स संचराय नमः का जाप करके भगवान शनि का आशीर्वाद लें।
  • सातवां महीना: यह बुध ग्रह को समर्पित है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए आगे बताए गए मंत्र का जाप करें - ॐ बु बुधाय नमः।
  • आठवां महीना: आठवें महीने में गर्भाधान के लग्न की पूजा करें। इसका मतलब है कि आपको अपने लग्न के स्वामी के लिए मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • नौवां महीना: नौवां महीना चंद्रमा के लिए आरक्षित है और उसे प्रसन्न करने का मंत्र है - ओम सो सोमाय नमः।
  • दसवां महीना: दसवें महीने पर सूर्य ग्रह की ऊर्जा का शासन होता है और उसे प्रसन्न करने के लिए आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं - ओम घृ सूर्याय नमः।

गर्भावस्था मंत्र का महत्व

गर्भावस्था मंत्र पारंपरिक भारतीय प्रथाएं हैं जिनमें बच्चे और मां के लिए आशीर्वाद और सुरक्षा की मांग करते हुए विशिष्ट मंत्रों का जाप करना शामिल है। माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान गर्भ संस्कार मंत्र (Garbh sanskar mantra) का जाप करने से अजन्मे बच्चे और मां दोनों को कई लाभ होते हैं।

गर्भ संस्कार मंत्र (Garbh sanskar mantra) यह तय करता है कि जन्म लेने वाले बच्चे को केवल अच्छी ऊर्जाएँ भेजी जाए। ऐसा कहा जाता है कि एक अच्छा वातावरण बनाने से बच्चे में गुण विकसित होते हैं। गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ बच्चे के लिए मंत्रों का जाप करने से बच्चे के आस-पास मन शांत रहता है। कुछ मंत्रों का उपयोग गर्भावस्था में देरी को दूर करने के लिए भी किया जाता है और इन्हें आमतौर पर गर्भवती होने के लिए प्रभावी गर्भावस्था मंत्र के रूप में जाना जाता है।

गर्भावस्था मंत्र जप अभ्यास

गर्भावस्था मंत्र जप उन लोगों के लिए सार्थक हो सकता है जो इसकी शक्ति में विश्वास करते हैं। गर्भावस्था मंत्र का चयन करते समय, यह अनुशंसा की जाती है कि आप ऐसा मंत्र चुनें जो व्यक्तिगत रूप से आपके साथ प्रतिध्वनित हो।

  • मंत्र का सटीक उच्चारण इसकी प्रभावशीलता के लिए महत्वपूर्ण है।
  • साथ ही, मंत्र का जाप करते समय अनुकूल दिन और समय चुनना शुभ माना जाता है।
  • आमतौर पर सुबह या शाम को जप के लिए सही समय माना जाता है। माना जाता है कि ये विकल्प सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक संबंधों के साथ संरेखित होते हैं।
  • पूर्व या उत्तर दिशा का सामना करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि माना जाता है कि ये दिशाएँ सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती हैं और गहरे आध्यात्मिक संबंध को बढ़ावा देती हैं।
  • पारंपरिक रूप से, कम से कम 108 बार जप करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि हिंदू परंपराओं में इस संख्या का महत्व है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल-

गर्भावस्था के दौरान रामचरितमानस की चौपाई सबसे शक्तिशाली मंत्र है। यह एक रक्षा मंत्र है और माना जाता है कि अगर इसे पूरे नौ महीने तक नियमित रूप से जपा जाए तो यह शिशु को सुरक्षित रखता है।
गर्भावस्था के दौरान मंत्र जपने से महिला सभी तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियों से सुरक्षित रहती है। इससे माताओं के लिए शिशु को गर्भ में रखते हुए नौ महीने बिताना थोड़ा आसान हो जाता है।
वैदिक विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भाधान से तीन महीने पहले गर्भ संस्कार शुरू कर देना चाहिए। मंत्रों को सुनने और जपने के लिए प्रतिदिन साफ-सफाई और स्नान करने की सलाह दी जाती है। इससे शिशु सुरक्षित और स्वस्थ रहता है।
शोधकर्ताओं ने पाया है कि जो महिलाएं भगवान की पूजा करती हैं और सच्चे मन से मंत्र जपती हैं, उनमें गर्भधारण की संभावना अधिक होती है। रिपोर्ट बताती हैं कि यह उन महिलाओं की तुलना में दोगुना है जो प्रार्थना और जप नहीं करती हैं।
गर्भ संस्कार में भगवान की पूजा की जाती है और गर्भवती महिलाओं के सभी नौ महीनों के लिए विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे माँ और बच्चे पर शांत प्रभाव पड़ता है और सुरक्षित प्रसव का वादा किया जाता है।
ग्रह गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करते हैं। यही कारण है कि गर्भावस्था के नौ महीनों के प्रत्येक महीने में अलग-अलग ग्रहों को समर्पित एक मंत्र होता है।