मंगल दोष कैलकुलेटर के बारे में जाने!

क्या ‘क्या मैं मांगलिक हूँ’ जैसे सवाल आपको परेशान करते हैं या हो सकता है कि आप वैवाहिक समस्याओं से जूझ रहे हों या शादी नहीं कर पा रहे हों। यहाँ आपके लिए एक संकेत दिया गया है, जिससे आप हमारे दिए गए हिन्दी में मंगल दोष कैलकुलेटर (Mangal dosha calculator in hindi) का इस्तेमाल करके केवल जन्म विवरण दर्ज करके अपने मंगल दोष की जांच कर सकते हैं।

मंगल दोष कैलकुलेटर

नीचे जन्म से जुड़ी जानकारी दर्ज करें और जांचें कि क्या मैं मांगलिक हूं या नहीं।

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मंगल दोष क्या है?

मंगल दोष जिसे कुज दोष या भौम दोष भी कहा जाता है, वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। किसी व्यक्ति की कुंडली में यह घातक ज्योतिषीय स्थिति वैवाहिक जीवन को प्रभावित करती है और विवाह में मुश्किलें पैदा करती है।

यह तब होता है जब कुंडली में मंगल पहले, दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में स्थित होता है। जन्म कुंडली में ऐसी स्थिति वाले व्यक्ति को मांगलिक कहा जाता है। इसलिए विवाह के लिए साथी चुनने से पहले मंगल दोष कैलकुलेटर से मांगलिकता की जाँच करवा लें।

मंगल दोष कैलकुलेटर क्या है?

जन्मतिथि द्वारा लोगों के लिए मांगलिक कैलकुलेटर हिंदी में (Manglik calculator in hindi) डिज़ाइन किया गया है ताकि वे अपना पूरा नाम और जन्म से जुड़ी जानकारी दर्ज करके अपनी मांगलिक स्थिति की जांच कर सके। यह एक आसान ज्योतिषीय टूल है जो लोगों को उनकी कुंडली में मंगल की स्थिति जानने और यह तय करने में मदद करता है कि वे मांगलिक है या नहीं।

मंगल ग्रह जिसे कुज भी कहा जाता है। ये शक्ति, काम, क्रोध,जोश और ऊर्जा को दर्शाता है। विवाह के मामले में मंगल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए मंगल दोष कैलकुलेटर का इस्तेमाल करके आप जान सकते हैं कि क्या आप में मंगल दोष है और मंगल दोष के प्रभावों को दूर करने के लिए उपाय प्राप्त कर सकते हैं।

मंगल दोष कैलकुलेटर कैसे काम करता है?

अब जब आप हमारे दिए गए हिन्दी में मंगल दोष जांच (Mangal dosha check in hindi) कैलकुलेटर के बारे में जानते हैं, तो आइए आपको बताते हैं कि इस टूल का इस्तेमाल कैसे करें ताकि पता चल सके कि आपकी कुंडली में मांगलिक दोष है या नहीं।

  • मांगलिक जांच ऑनलाइन कैलकुलेटर एक आसान टूल है जो आपकी कुंडली में मांगलिक दोष या कुज दोष के बारे में जानने में आपकी मदद करता है।
  • जन्मतिथि के अनुसार मांगलिक कैलकुलेटर का इस्तेमाल करने के लिए आपको अपना पूरा नाम, लिंग, जन्म तिथि, जन्म का समय और स्थान दर्ज करना होगा।
  • सभी जानकारी सही ढंग से दर्ज करने के बाद गणना आइकन पर क्लिक करें और आपको पता चल जाएगा कि मैं मांगलिक हूं या नहीं?
  • अंत में मांगलिक दोष कैलकुलेटर आपके प्रश्न का उत्तर विश्वसनीय नतीजों के साथ प्रदान करता है कि मैं कैसे जानूं कि मैं मांगलिक हूं या नहीं?

मंगल दोष काल कब समाप्त होता है?

मंगल दोष की अवधि आमतौर पर खास ज्योतिषीय स्थितियों के पूरा होने पर समाप्त हो जाती है। हालांकि, यह व्यक्ति की जन्म कुंडली के आधार पर भिन्न हो सकती है। तो आइए हिंदी में मंगल दोष कैलकुलेटर की मदद (Mangal dosha calculator in hindi) से जानें कि यह कैसे और कब समाप्त हो सकता है।

  • मंगल दोष का प्रभाव आमतौर पर 28 वर्ष की आयु के बाद कम होने लगता है।
  • दूसरा यदि दोनों साथी मांगलिक हो तो दोष समाप्त हो जाता है और उसका प्रभाव समाप्त हो जाता है।
  • यदि मंगल अपनी स्वराशि मेष में चला जाए या उच्च मकर राशि में स्थित हो जाए तो मंगल दोष के हानिकारक प्रभाव कम होने लगते हैं।
  • यदि मंगल ग्रह बृहस्पति, शुक्र या चौथे भाव जैसे शुभ ग्रहों में बैठा हो तो नकारात्मक प्रभाव कम होने लगते हैं।
  • अंत में यदि मंगल राहु, चंद्रमा या शुक्र के साथ युति में हो तो मंगल दोष का प्रतिकूल प्रभाव समाप्त हो जाता है।

विभिन्न भावों पर मंगल दोष का प्रभाव

ज्योतिषियों का सुझाव है कि मंगल दोष का प्रभाव उस घर पर निर्भर करता है जिसमें यह स्थित है। आइए हम घरों की स्थिति पर मंगल दोष के विभिन्न प्रभावों के बारे में बात करते हैं।

प्रथम भाव में मंगल दोष का प्रभाव

यदि लग्न कुंडली में मंगल बारहवें भाव में स्थित हो तो व्यक्ति जल्दबाजी वाला व्यवहार कर सकता है, खासकर अपने निजी रिश्तों में। काम की जिम्मेदारियों के कारण प्रेम जीवन में दिल की बातों की अनदेखी करने का खतरा बना रहता है।

दूसरे भाव में मंगल दोष का प्रभाव

मांगलिक दोष में विवाह के अनुसार, यदि मंगल दोष दूसरे भाव में स्थित हो, तो व्यक्ति की कठोर और रूखी बोलचाल के कारण परिवार में अशांति पैदा हो सकती है। इससे विवाह में देरी हो सकती है और यहाँ तक कि विवाहित जोड़ों में दरार भी आ सकती है।

चतुर्थ भाव में मंगल दोष का प्रभाव

यदि कुंडली में चौथे भाव के कारण मंगल दोष का पता चलता है, तो यह व्यक्ति के घरेलू जीवन, भावनात्मक स्वास्थ्य और जीवन कल्याण को प्रभावित कर सकता है। वह बेचैन महसूस करा सकता है, जिसका असर उसके व्यक्तिगत संबंधों पर पड़ता है।

सातवें भाव में मंगल दोष का प्रभाव

सप्तम भाव में मंगल की स्थिति वैवाहिक जीवन में लड़ाई, गलतफहमियों और साझेदारों के बीच सत्ता संघर्ष का कारण बन सकती है। यदि मंगल की प्रबल ऊर्जा संतुलित न हो, तो यह अलग होने या तलाक का कारण भी बन सकती है।

आठवें भाव में मंगल दोष का प्रभाव

मांगलिक दोष में विवाह के मुताबिक, अष्टम भाव में मंगल दोष बनने से अचानक हानि और ससुराल वालों के साथ संबंधों में समस्याएं आती हैं। ऐसा व्यक्ति व्यक्तिगत संबंधों में जलन या हुक्म चलाने वाला व्यवहार कर सकता है, जिससे परिवार की शांति भंग होती है।

बारहवें भाव में मंगल दोष का प्रभाव

यदि मंगल ग्रह बारहवें भाव में स्थित हो तो यह छिपे हुए भय और बिना सोचे किए गए कामों को हमारे सामने लेकर आता है। वह अपनी असुरक्षाओं से परेशान हो सकता है और व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक जीवन में जल्दबाजी में फैसला ले सकता है।

मंगल दोष कितने प्रकार के होते हैं?

हम सभी भयावह मंगल दोष के बारे में जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मंगल दोष के भी कई प्रकार होते हैं? वैदिक ज्योतिष में मंगल दोष के तीन मुख्य प्रकार होते हैं। लेकिन अगर आप भी सोच रहे हैं कि ‘मांगलिक है या नहीं, यह कैसे पता करें’ तो हमारे आसान मांगलिक दोष कैलकुलेटर का इस्तेमाल करें।

आंशिक मांगलिक दोष

मांगलिक दोष का पहला प्रकार आंशिक मांगलिक दोष है जिसका अर्थ है आंशिक मांगलिक दोष। यदि मंगल पहले, दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित हो, तो इसका अर्थ है कि वह व्यक्ति आंशिक मांगलिक दोष है। जिसका असर कम होता है और अधिक परेशानी नहीं देता।

सात्विक मांगलिक दोष

सात्विक मांगलिक दोष, मंगल दोष का शुद्ध और मजबूत रूप है, जो तब होता है जब मंगल पहले, दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है। यदि किसी व्यक्ति के इन भावों में मंगल स्थित है, तो इसका अर्थ है कि यह विवाह, रिश्तों और भावनात्मक स्थिरता में गंभीर समस्याएं पैदा करता है।

चंद्र मांगलिक दोष

चंद्र मांगलिक दोष, मंगल दोष का तीसरा प्रकार है जो तब होता है जब कुंडली में चंद्र और मंगल कमजोर स्थिति में हों। यह दोष गुस्सा, दबाव, मूड बदलना और भावनात्मक उथल-पुथल ला सकता है, जिससे वैवाहिक जीवन में सुख और सफलता प्रभावित होती है।

मांगलिक का अर्थ और खास लक्षण

हिंदी में मांगलिक कैलकुलेटर (Manglik calculator in hindi) के जरिए समझते हैं कि मांगलिक लड़का या लड़की होना कैसा होता है और इसकी विशेषताएं और व्यवहार संबंधी लक्षण क्या होते हैं।

उच्च ऊर्जा और मजबूत ड्राइव

चाहे मांगलिक पुरुष हो या महिला, मंगल उन्हें तेज ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे एक्टिव, मेहनती और लक्ष्य पर ध्यान देने वाला बनाता है। हालांकि मंगल की कमजोर स्थिति चुनौतियां ला सकती है लेकिन मांगलिक पुरुष अक्सर काम या पर्सनल लाइफ में लीडरशिप निभाते हुए देखे जाते हैं।

चिड़चिड़ापन और जोश

मंगल एक अग्नि तत्व वाला ग्रह है, इसलिए मंगल दोष वाला व्यक्ति जल्दी ही गुस्सा हो जाता है या बिना सोचे-समझे कोई भी कार्य कर सकता है। यह जल्दबाजी कभी-कभी रिश्तों में गलतफहमियों का कारण बन सकती है।

हिम्मत और लगन

मांगलिक व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत होते हैं। एक बार कोई बात ठान लेने के बाद वे आसानी से हार नहीं मानते। यह मजबूत इरादा उन्हें सफल होने में मदद करती है लेकिन कई बार वे ज़िद्दी भी लग सकते हैं।

गहरी भावनाएँ

मंगल ग्रह लोगों को भावनात्मक रूप से असहज बना सकता है और मांगलिक लोग अक्सर गहरी भावनाओं को महसूस करते हैं और अपनी भावनाओं को संतुलित करने में संघर्ष करते हैं, खास रूप से प्रेम या विवाह में।

मंगल दोष के उपाय क्या है?

हिंदी में मंगल दोष जांच (Mangal dosha check in hindi) करने के बाद भी आप मांगलिक निकले तो क्या होगा? ऐसी स्थिति में हमारे ज्योतिषी कुछ आसान लेकिन प्रभावी मंगल दोष निवारण उपाय सुझाते हैं जो इसके नकारात्मक प्रभाव को दूर करेंगे।

विवाह से पहले मंगल दोष निवारण

यदि आप अविवाहित हैं या सही जीवनसाथी की तलाश में हैं, तो विवाह से पहले नीचे दिए गए मंगल दोष निवारण उपायों का पालन करें।

  • यह खास रूप से मांगलिक महिलाओं के लिए है, जिन्हें किसी व्यक्ति से विवाह करने से पहले भगवान विष्णु या शालिग्राम की मूर्ति से विवाह करना होता है।
  • आपको हर मंगलवार को 'ऊँ क्रां क्रीं क्रौं सः भयमाय नमः' मंत्र का जाप करके मंगल देवता की पूजा करनी चाहिए।
  • आप मंगलवार को व्रत रख सकते हैं, भगवान हनुमान की पूजा कर सकते हैं, उनके मंदिर जा सकते हैं और मांगलिक दोष की जांच करने के बाद रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं।
  • शादी से पहले आप ऑनलाइन मांगलिक दोष कैलकुलेटर के माध्यम से अपने साथी के मांगलिक दोष की जांच कर सकते हैं।

विवाह के बाद मंगल दोष निवारण

यदि आप स्वयं मांगलिक है या किसी मांगलिक जीवनसाथी से विवाह करते हैं, तो विवाह के बाद नीचे दिए गए मंगल दोष निवारण उपायों का पालन करें।

  • मंगल दोष निवारण पूजा करना, ऐसी अशुभ स्थिति के नकारात्मक प्रभावों को समाप्त करने के लिए सबसे प्रभावी मंगल दोष समाधानों में से एक है।
  • मंगल दोष में पहनने वाले दो सबसे महत्वपूर्ण आभूषण हैं लाल मूंगा। यह मंगल ग्रह से जुड़ा है और दूसरा है 6 मुखी और 14 मुखी रुद्राक्ष।
  • मंगल यंत्र स्थापित करें ताकि यह घर में शांति और शादीशुदा जीवन में खुशी लाए और आपको विवाह के लिए सही साथी खोजने में मदद करे।
  • मंगल दोष के प्रभाव को दूर करने के लिए आपको वैदिक मंगल मंत्र का जाप करना चाहिए और 7000 जप करने चाहिए।

निष्कर्ष

मंगल दोष कैलकुलेटर आपको इस उलझन से बचा सकता है कि 'मांगलिक है या नहीं, यह कैसे पता करें'। यह एक आसान टूल है जो आपकी जन्मतिथि देखकर बताता है कि आप मांगलिक है या नहीं।

अस्वीकरण: यह मांगलिक दोष जांच रिपोर्ट सामान्य ज्योतिषीय जानकारी प्रदान करती है। आपकी जन्म कुंडली के विस्तृत विश्लेषण और संभावित उपचारों के लिए हम इंस्टाएस्ट्रो के अनुभवी ज्योतिषियों से बात करने की सलाह देते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल-

मंगल दोष एक ज्योतिषीय स्थिति है जो तब उत्पन्न होती है जब जन्म कुंडली में मंगल 1, 2, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित होता है, जिससे विवाह और भावनाएं प्रभावित होती हैं।
आप एक आसान ज्योतिषीय टूल मंगल दोष कैलकुलेटर का इस्तेमाल करके मांगलिक दोष की जांच कर सकते हैं। यह टूल आपकी कुंडली में मंगल की स्थिति जानने और मांगलिक स्थिति की जांच करने में आपकी मदद करेगा।
हां, एक मजबूत मंगल दोष मूड का बिगड़ना, गलतफहमी और मंगल के नकारात्मक प्रभाव के कारण विवाह में देरी या सही साथी खोजने में समस्याएं पैदा कर सकता है।
नहीं, मंगल दोष को दूर नहीं किया जा सकता। हालांकि, मंगल दोष निवारण उपाय करके इसके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। मंगल दोष निवारण पूजा करें, हनुमान चालीसा का पाठ करें, कुंभ विवाह करें या लाल मूंगा धारण करें।
हाँ, जब दोनों मांगलिक एक-दूसरे से विवाह करते हैं, तो मंगल दोष समाप्त हो जाता है। इसे अक्सर शांति और मेलजोल के लिए एक सुरक्षित और संतुलित जोड़ी माना जाता है।
हमेशा नहीं। समय के साथ शायद 28 साल की उम्र के बाद इसके प्रभाव कम हो सकते हैं या अन्य ग्रहों की स्थिति, अच्छे योगों, उपायों और उचित जीवनसाथी के मिलान के बाद ये प्रभाव खत्म हो सकते हैं।