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आज की तिथि

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पूर्णिमांत -Krishna Ekadashi upto 04:28:40 AM, विक्रम संवत -2082
अमंता -Krishna Ekadashi upto 04:28:40 AM, शक संवत -1947

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पंचांग में तिथि क्या है?

तिथि शब्द संस्कृत शब्द से आया है, जिसका अर्थ है चंद्र दिवस। तिथि की गणना सूर्य और चंद्रमा के बीच कोणीय दूरी के आधार पर की जाती है। जब भी चंद्रमा सूर्य से 12 डिग्री दूर होता है, तो एक नई तिथि शुरू होती है।

शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष: दो चंद्र चरण

हिंदू चंद्र कैलेंडर में प्रत्येक महीने को दो बराबर भागों में विभाजित किया जाता है जिन्हें पक्ष कहा जाता है। 30 तिथियां हैं: 15 शुक्ल पक्ष के लिए और 15 कृष्ण पक्ष के लिए। आइए इन दो चंद्र चरणों को विस्तार से समझते हैं।

  • शुक्ल पक्ष: यह 'महीने का उज्ज्वल आधा' है जब चंद्रमा वैक्सिंग चरण (बड़ा होना) में होता है। यह अमावस्या (नया चंद्रमा) से शुरू होता है और पूर्णिमा पर समाप्त होता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, इस चरण को आम तौर पर सकारात्मक और विकास के लिए शुभ माना जाता है।
  • कृष्ण पक्ष: जिसे बहुला पक्ष के नाम से भी जाना जाता है, कृष्ण पक्ष ‘महीने का अंधकार पक्ष’ है जब चंद्रमा अपने कमजोर चरण में होता है, धीरे-धीरे आकार में घटता जाता है। यह पूर्णिमा से शुरू होता है और अमावस्या पर समाप्त होता है। ज्योतिषीय रूप से, इस प्रकार का चरण चिंतन और जाने के लिए सही है।

हिंदू कैलेंडर में तिथि का महत्व

हिंदू ज्योतिष और चंद्र कैलेंडर में, तिथि (चंद्र दिन) की अवधारणा को कई कारणों से महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए आज क्या तिथि है (Aaj kya tithi hai), आज कौन सी तिथि है (Aaj kaun si tithi hai) और तिथि के महत्व को विस्तार से समझें:

  • हिंदू त्योहारों या व्रतों की जाँच

हिंदू त्योहार, जैसे एकादशी, अमावस्या, पूर्णिमा, अक्षय तृतीया और नवमी, पूरी तरह तिथि पर आधारित हैं। लोग महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों और व्रतों को ट्रैक करने के लिए सामान्य ग्रेगोरियन कैलेंडर का पालन नहीं करते हैं। इसके बजाय, वे आज विक्रम संवत आज की तिथि को ट्रैक करते हैं। आज की तिथि और वार (Aaj ki tithi aur war) को आप इस लेख के माध्यम से समझ सकते हैं।

  • मुहूर्त चयन के लिए

गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन संस्कार या बच्चे के नामकरण समारोह जैसे शुभ कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त निर्धारित करने के लिए तिथि एक महत्वपूर्ण कारक है। उदाहरण के लिए, किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले, लोग अक्सर सोचते हैं, ‘आज कौन सी तिथि है (Aaj kaun si tithi hai) ताकि हम यह जान सके कि कार्य सही समय पर या शुभ मुहूर्त के दौरान ठीक से किया जाए।

  • दैनिक पंचांग या ज्योतिष भविष्यवाणियाँ

तिथि, नक्षत्र, योग, करण और वार के साथ हिंदू पंचांग के पांच महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है। ज्योतिषी संभावित अनुकूल और प्रतिकूल परिणामों की भविष्यवाणी करने के लिए इस तत्व और आज क्या वार है (Aaj kya war hai) का उपयोग करते हैं। इसलिए, तिथि के बिना, दैनिक ऑनलाइन पंचांग या दैनिक ज्योतिष भविष्यवाणियाँ पढ़ना असंभव होगा।

  • सफलता और निर्णय लेने में वृद्धि

अंत में, तिथियाँ कुछ ऊर्जाओं से जुड़ी होती हैं, जो बुरी और अच्छी दोनों होती हैं। किसी नए कार्य को शुरू करने से पहले तिथि की प्रकृति को जानना प्रतिकूल परिणामों, चुनौतियों से बचने में मदद करता है, और सफलता और सूचित निर्णय लेने की संभावनाओं को बढ़ाता है।

पंचांग में तिथियों के प्रकार

महाभारत, भागवत पुराण और विष्णु पुराण जैसे कई प्राचीन ग्रंथों में पंचांग में इस्तेमाल की जाने वाली पाँच मूल तिथियों का उल्लेख है, जिनका उपयोग आज की तिथि (Aaj ki tithi) और आज का दिन क्या है (Aaj ka din kya hai) की गणना के लिए किया जाता है। आइए नीचे विस्तार से उन सभी पर नज़र डालें:

  • नंदा तिथियां

नंदा तिथियां (प्रतिपदा, षष्ठी, एकादशी) अग्नि तत्व से जुड़ी हैं। यह संस्कृत शब्द नंदा से बना है, जिसका अर्थ है 'खुशी या खुशी देने वाला'। पंचांग में ये तिथियाँ निर्माण-संबंधी कार्यों को शुरू करने के लिए सही है।

  • भद्रा तिथियाँ

भद्रा तिथियाँ (द्वितीया, सप्तमी, द्वादशी) पृथ्वी तत्व के अंतर्गत आती हैं। ये तिथियाँ स्वास्थ्य संबंधी कार्यों, वाहन, मवेशी या यहाँ तक कि खाद्यान्न खरीदने के लिए सबसे उपयुक्त हैं। इस तिथि पर जो भी वस्तुएँ लाई जाती हैं, वे प्रचुरता और समृद्धि लाती है। भद्रा, आज क्या तिथि है (Aaj kya tithi hai) जानने में मदद करती है।

  • जया तिथियां

तृतीया, अष्टमी और त्रयोदशी तिथियों को जया तिथियाँ कहा जाता है। 'जय' शब्द से व्युत्पन्न, जिसका अर्थ है जीत, इस प्रकार की तिथियां अदालती मामलों से निपटने, सैन्य-संबंधी निर्णय लेने या हथियार खरीदने के लिए लाभकारी मानी जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि ये सभी एक्टिविटीज बुराई पर जीत का वादा करती हैं।

  • रिक्ता तिथियां

रिक्ता का अर्थ है 'खाली' और भगवान यम से जुड़े होने के कारण इसे प्रतिकूल माना जाता है। रिक्ता तिथियां हैं: चतुर्थी, नवमी और चतुर्थी।

  • पूर्णा तिथियां

पंचमी, दशमी और पूर्णिमा मिलकर पूर्णा तिथियां बनती हैं और जल तत्व से जुड़ी होती हैं। पंचांग में इस प्रकार की तिथियाँ विवाह, मुंडन, सगाई आदि जैसे शुभ कार्यों के लिए सही तिथियाँ हैं। आज की तिथि और वार (Aaj ki tithi aur war) को जानना आवश्यक होता है।

नोट: उपर्युक्त विक्रम संवत की आज की तिथियों के अलावा, बाकी को 'शून्य तिथियां' माना जाता है। ज्योतिषी कुछ महीनों के दौरान विशिष्ट तिथियों पर विवाह या उत्सव जैसे शुभ कार्यों से बचने का सुझाव देते हैं। शून्य तिथियों में से कुछ हैं: चैत्र (कृष्ण अष्टमी), आषाढ़ (कृष्ण षष्ठी), माघ शुक्ल त्रयी, आदि।

सभी तिथियों की सूची उनके महत्व के साथ

नीचे सभी तिथियों (शुक्ल और कृष्ण पक्ष के लिए) की सूची दी गई है, साथ ही उनका महत्व और प्रकृति भी दी गई है।

  • प्रतिपदा/प्रथम

  • स्वभाव:वृद्धि प्रदा
  • शासक स्वामी:ब्रह्मा (शुक्ल), दुर्गा (कृष्ण)
  • शासक ग्रह: सूर्य
  • इसके लिए अच्छा: विवाह, यात्रा, नई नौकरी शुरू करना, या नए घर में जाना

  • द्वितीया/विद्या

  • स्वभाव: मंगल प्रदा
  • शासक स्वामी: अग्नि (शुक्ल), दंडधारा (कृष्ण)
  • शासक ग्रह: चंद्रमा
  • इसके लिए अच्छा: विवाह-संबंधी अनुष्ठान, यात्रा, संगीत और कला-संबंधी कार्य

  • तृतीया

  • स्वभाव: बल प्रदा
  • शासक स्वामी: विरिंचि (शुक्ल), शिव (कृष्ण)
  • शासक ग्रह: मंगल
  • इसके लिए अच्छा: शिक्षा-संबंधी एक्टिविटीज , गृहप्रवेश, आभूषण खरीदना, पशुओं को खिलाना

  • चतुर्थी

  • स्वभाव: खल प्रदा
  • शासक स्वामी: विष्णु (शुक्ल और कृष्ण)
  • शासक ग्रह: बुध
  • इसके लिए अच्छा: शुभ गतिविधियों के लिए उपयुक्त नहीं

  • पंचमी

  • स्वभाव: लक्ष्मी प्रदा
  • शासक स्वामी: गौरी (शुक्ल), हरि (कृष्ण)
  • शासक ग्रह: बृहस्पति
  • इसके लिए अच्छा: गृह शांति पूजा, वित्तीय एक्टिविटीज, खरीदारी या यात्रा

  • षष्ठी

  • स्वभाव: यशो प्रदा
  • शासक स्वामी: गणेश (शुक्ल), रवि (कृष्ण)
  • शासक ग्रह: शुक्र
  • इसके लिए अच्छा: खरीद या बिक्री, कस्टम आर्ट, आभूषण खरीदना या दान करना और पैतृक अनुष्ठान

  • सप्तमी

  • स्वभाव: मित्र प्रदा
  • शासक स्वामी: यम (शुक्ल), काम (कृष्ण)
  • शासक ग्रह: शनि
  • इसके लिए अच्छा: नए दोस्त बनाना, सैर-सपाटा, विवाह, मनोरंजन या नए घर में प्रवेश

  • अष्टमी

  • स्वभाव: द्वंद्व प्रदा
  • शासक स्वामी: सर्प (शुक्ल), शंकर (कृष्ण)
  • शासक ग्रह: राहु
  • इसके लिए अच्छा: विवाह-संबंधी, उत्सव, व्यापार और सरकार से संबंधित कार्य

  • नवमी

  • प्रकृति: उग्र प्रदा
  • शासक स्वामी: चंद्रमा (शुक्ल), कालधर (कृष्ण)
  • शासक ग्रह: सूर्य
  • इसके लिए उपयुक्त: किसी भी शुभ अवसर के लिए उपयुक्त नहीं

  • दशमी

  • प्रकृति: सौम्य प्रदा
  • शासक स्वामी: कार्तिकेय (शुक्ल), यम (कृष्ण)
  • शासक ग्रह: चंद्रमा
  • इसके लिए उपयुक्त: उपनयन, यात्रा, विवाह या मांगलिक गतिविधियाँ

  • एकादशी

  • प्रकृति: आनंद प्रदा
  • शासक स्वामी: सूर्य (शुक्ल और कृष्ण)
  • शासक ग्रह: मंगल
  • इसके लिए उपयुक्त: व्रत, धार्मिक कार्य, दान, मंदिर जाना, अलंकार या यात्रा

  • द्वादशी

  • प्रकृति: यशो प्रदा
  • शासक स्वामी: इंद्र (शुक्ल), विष्णु (कृष्ण)
  • शासक ग्रह: बुध
  • इसके लिए उपयुक्त: नए घर में प्रवेश, बच्चे का पहला भोजन समारोह और विवाह संबंधी कार्य

  • त्रयोदशी

  • स्वभाव: जया प्रदा
  • शासक स्वामी: महेंद्र (शुक्ल), काम (कृष्ण)
  • शासक ग्रह: बृहस्पति
  • इसके लिए उपयुक्त: विवाह संबंधी अनुष्ठान, यात्रा और कला-आधारित गतिविधियों के लिए उपयुक्त

  • चतुर्दशी

  • प्रकृति: उग्र प्रदा
  • शासक स्वामी: वासव (शुक्ल), शिव (कृष्ण)
  • शासक ग्रह: शुक्र
  • इसके लिए उपयुक्त: मांगलिक कार्यों, यात्रा या बाल कटवाने के लिए उपयुक्त नहीं

  • पूर्णिमा

  • प्रकृति: सौम्य प्रदा
  • शासक स्वामी: नाग
  • शासक ग्रह: शनि
  • इसके लिए उपयुक्त: धार्मिक कार्य, दान करना, विवाह

  • अमावस्या

  • प्रकृति: पितृ प्रदा
  • शासक स्वामी: पितर
  • शासक ग्रह: राहु
  • इसके लिए उपयुक्त: यज्ञ, दान, पैतृक और धार्मिक कार्य

पंचांग में तिथि की गणना कैसे की जाती है?

तिथि की गणना करने का सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण तरीका सूर्य और चंद्रमा की कोणीय स्थितियों के बीच की दूरी का पता लगाना है। आइए आज की तिथि (Aaj ki tithi) की मैन्युअल रूप से गणना करने के सरल चरणों पर एक नज़र डालें:

  • चरण 1: 12 डिग्री नियम जानें
    इस नियम के अनुसार, यदि चंद्रमा 0 डिग्री और 12 डिग्री के बीच है, तो इसे प्रतिपदा के रूप में गिना जाएगा। इसी तरह, 12 डिग्री से 24 डिग्री आगे चंद्रमा की गणना द्वितीया के रूप में की जाएगी। यह 360 डिग्री तक जारी रहता है, जिससे एक चंद्र महीने में 30 तिथियों का चक्र पूरा होता है।
  • चरण 2: सूत्र लागू करना
    हिंदू कैलेंडर के अनुसार आज क्या तारीख है (Aaj kya tarikh hai) की गणना करने का सूत्र है: चंद्रमा का देशांतर-सूर्य का देशांतर/ 12 = तिथि संख्या।
    इसलिए, यदि चंद्रमा 120 डिग्री पर है और सूर्य 84 डिग्री पर है, तो सूर्य और चंद्रमा के बीच कोणीय दूरी 36 होगी। पहले बताए गए सूत्र के अनुसार, आज की तिथि (Today tithi) तृतीया है।
  • चरण 3: ऑनलाइन तिथि कैलकुलेटर या दैनिक पंचांग का उपयोग करें
    जो लोग आसान तरीका पसंद करते हैं, उनके लिए ऑनलाइन तिथि कैलकुलेटर का उपयोग करना सबसे अच्छा तरीका है। यह टूल प्रक्रिया को सरल बनाता है, हिंदू कैलेंडर के अनुसार आज की तिथि (Today tithi) और आज का दिन क्या है (Aaj ka din kya hai) को कुछ ही सेकंड में बताता है, जिससे आपको लंबी और जटिल गणनाओं से छुटकारा मिलता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल-

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, नंदा, भद्रा, जया और पूर्णा तिथियां शुभ मानी जाती हैं। ये तिथियाँ नई शुरुआत, उत्सव या किसी भी शुभ कार्य के लिए सही है।
पंचांग में तिथि की गणना चंद्रमा और सूर्य के बीच की दूरी की जांच करके की जाती है। हालांकि, कोई भी व्यक्ति पंचांग या ज्योतिष वेबसाइटों पर हिंदू कैलेंडर के अनुसार आज की तिथि आसानी से देख सकता है।
हाँ, तिथि प्रणाली विक्रम संवत की आज की तिथि का पालन करती है। विक्रम संवत कैलेंडर में वर्तमान तिथि, नक्षत्र और अन्य पंचांग तत्व शामिल होते हैं।
आज की तिथि का विवरण देखने के लिए, कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन उपलब्ध पंचांग, ​​हिंदू चंद्र कैलेंडर ऐप या ज्योतिष वेबसाइटों का संदर्भ ले सकता है। ये प्लेटफ़ॉर्म आज की तिथि का विवरण जैसे तिथि, नक्षत्र और चंद्रमा चरण और सबसे महत्वपूर्ण विक्रम संवत आज की तिथि प्रकट करते हैं।
हिंदू रीति-रिवाजों में तिथियों को महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि वे विवाह, पूजा, यज्ञ या व्रत जैसे पवित्र आयोजनों के लिए मुहूर्त चयन में मदद करती हैं। यही कारण है कि ज्योतिषी भी मुहूर्त की गणना करने से पहले हिंदू कैलेंडर के अनुसार आज की तारीख की जांच करते हैं।
हां, तिथियां हमारी दैनिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकती हैं। ज्योतिष ने तिथियों को उनकी प्रकृति और किसी व्यक्ति को मिलने वाले परिणामों के आधार पर विभाजित किया है। उदाहरण के लिए, रिक्ता तिथि के दौरान शुभ कार्य करने से असफलता मिल सकती है।

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