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Mahashivratri 2023: जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत कथा और पूजा विधि

By January 12, 2023December 5th, 2023No Comments
MahaShivratri 2023

हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है – महाशिवरात्रि। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन शिव भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाने, उपवास रखने और रात भर जागरण करने का विशेष महत्व है। तो आइये जानते हैं इन्स्टाएस्ट्रो के ज्योतिषियों से शिवरात्रि पूजा शुभ मूहुर्त, शिवरात्रि व्रत कथा और शिवरात्रि पूजा विधि।

शिवरात्रि तिथि 2023 (Mahashivratri 2023 Date)

वर्ष 2023 में महाशिवरात्रि 18 फरवरी दिन शनिवार को मनाई जाएगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चतुर्दशी तिथि 17 फरवरी को रात 8 बजकर 02 मिनट पर प्रारंभ होगी। और 18 फरवरी को शाम 4 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।

18 February

शिवरात्रि पूजा शुभ मुहूर्त (Mahashivratri 2023 Shubh Muhurat)

चतुर्दशी तिथि की रात्रि के आठवें मुहूर्त को निशिता काल कहा जाता है। इस वर्ष निशीथ काल का पूजा मुहूर्त इस प्रकार है : 19 फरवरी को 12 बजकर 16 मिनट से लेकर 1 बजकर 6 मिनट तक। यह पूजन करने का सबसे अच्छा समय है।

महाशिवरात्रि व्रत का पारण मुहूर्त

19 फरवरी को सुबह 6 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 33 मिनट तक शिवरात्रि व्रत का पारण समय है। इस अवधि में आप महाशिवरात्रि का व्रत खोल सकते हैं।

Damru, Shivling, Trishul & Rudraksh

महाशिवरात्रि व्रत करने के लाभ

  • इस दिन महादेव का ध्यान करने से जीवन में अज्ञानता और नकारात्मकता दूर होती है।
  • भगवान शिव की पूजा करने से साधक अकाल मृत्यु से बचता है। साथ ही उसे निरोगी शरीर का वरदान मिलता है।
  • अविवाहित लड़कियां यदि महाशिवरात्रि का व्रत रखती हैं तो उन्हें भगवान शिव जैसा जीवनसाथी प्राप्त होता है।
  • इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की चिरायु के लिए व्रत और पूजा करती हैं।

महाशिवरात्रि व्रत का इतिहास

महाशिवरात्रि के पर्व का उल्लेख विभिन्न पुराणों और ग्रंथों में मिलता है। जैसे लिंग पुराण, पद्म पुराण और स्कंद पुराण आदि ग्रंथों में महाशिवरात्रि व्रत के पालन और अनुष्ठान संबंधित जानकारी है।

Lord Shiva

शिवरात्रि पूजा विधि

शिवरात्रि पूजा इस प्रकार करें –
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।
भगवान शिव के मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक करें। दूध, दही, शहद, गुलाब जल, घी आदि से रुद्राभिषेक की विधि पूर्ण करें। इस दिन महादेव को बेलपत्र, धतूरा, अकौआ के फूल चढ़ाएं। उसके बाद शिवलिंग पर चंदन और अश्वगंधा का लेप लगाएं। शिवरात्रि पूजा में भांग और भस्मी का उपयोग भी किया जाता है।
फल मिठाई आदि का भोग लगाएं। अंत में आरती करें। पूजा के दौरान शिवरात्रि व्रत कथा का भी पाठ करें।
इस प्रकार शिवरात्रि पूजा विधि संपन्न हो जाएगी।

महाशिवरात्रि पर करें इन मंत्रों का उच्चारण

भगवान शिव की पूजा करते समय निरंतर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते रहें।
इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का पाठ भी कर सकते हैं। जो इस प्रकार है – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

Om Namah Shivay Mantra

भगवान शिव की पूजा में ध्यान देने योग्य बातें

  • महाशिवरात्रि के दिन मिट्टी के एक बर्तन में पानी या दूध भरकर रखें। इसमें कुछ बेलपत्र, धतूरा के फूल, चावल आदि डालकर शिवलिंग पर अर्पित करें।
  • अगर आपके घर के पास भगवान शिव का मंदिर न हो, तो घर में ही मिट्टी के पार्थिव शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा करें।
    महाशिवरात्रि पर शिव पुराण का पाठ करें।

शिवरात्रि व्रत कथा

पौराणिक मान्यता के अनुसार देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी। उनके कठोर प्रयासों के फलस्वरूप उन्हें महादेव मिले थे। और फिर फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए महाशिवरात्रि को अत्यंत ही महत्वपूर्ण और शुभ पर्व माना जाता है।

Lord Shiva And Mata Parvati

महाशिवरात्रि पर किए जाने वाले उत्सव

  • महाशिवरात्रि उत्सव में रुद्र अभिषेक, संगीत और नृत्य अनुष्ठान, मंदिरों में पूजा आदि शामिल है।
  • भगवान शिव की स्तुति करने के लिए भजनों और छंदों का पाठ किया जाता है।
  • महाशिवरात्रि समारोह में रात भर जागरण भी किया जाता है। जहां भगवान शिव की पूजा करने के लिए गीत गाए जाते हैं और नृत्य किया जाता है।
  • इस दिन एक विशेष पेय बनाया जाता है। जिसमें भांग, दूध, शहद, बादाम आदि मिलाकर ठंडाई या शरबत बनाया जाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –

1. 2023 में शिवरात्रि तिथि कब है ?

वर्ष 2023 में महाशिवरात्रि 18 फरवरी दिन शनिवार को मनाई जाएगी।

2. भगवान शिव की पूजा में कौन से मंत्र का जाप करें ?

ॐ नमः शिवाय मंत्र सबसे सरल और प्रभावशाली मंत्र है। भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें।

3. शिवरात्रि का व्रत रखने से क्या लाभ होता है ?

इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की चिरायु के लिए व्रत करती हैं। अविवाहित लड़कियां यदि महशिवरात्रि का व्रत रखती हैं। तो उन्हें भगवान शिव जैसा मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है।

4. शिवरात्रि के दिन देश भर में क्या क्या उत्सव होते हैं ?

महाशिवरात्रि उत्सव में रुद्र अभिषेक, संगीत और नृत्य अनुष्ठान, मंदिरों में पूजा आदि शामिल होता है। कई जगहों पर शिव-पार्वती विवाह उत्सव भी मनाया जाता है। साथ ही भांग वाली ठंडाई का प्रसाद वितरण होता है।

5. शंकर भगवान की प्रिय वस्तु क्या हैं ?

बेलपत्र, धतूरा, अकौआ के फूल, रुद्राक्ष आदि वस्तुएं भोलेनाथ को प्रिय होती हैं।

और पढ़ें – जानें प्रत्येक माह की मासिक शिवरात्रि 2023 की तिथियां और शुभ मुहूर्त

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Yashika Gupta

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